सीतामढ़ी/पटना, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। लगातार तीसरे दिन मंगलवार को चुनावी सभाओं को संबोधित करने बिहार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके लिए सत्ता ‘सुख’ नहीं, बल्कि ‘सेवा यज्ञ’ है। उन्होंने लोगों को जंगलराज और भ्रष्टाचार के प्रति अगाह करते हुए कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य का चुनाव है। मोदी ने दोहराया कि तंत्र-मंत्र से विकास नहीं हो सकता।
उन्होंने सीतामढ़ी, बेतिया और मोतिहारी में अलग-अलग चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए सत्ताधारी महागठबंधन को ‘स्वार्थबंधन’ बताते हुए जमकर हमला बोला।
‘बिहार को बिहारी ही चलाएगा’ वाले नीतीश कुमार के बयान पर मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री किसी राज्य के लिए भी बाहरी होता है क्या? उन्होंने कहा कि करीब 16 महीने हो गए हैं, लेकिन उन्होंने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है।
उन्होंने कहा, “मुझे गर्व होता है कि मुझे आप लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं।”
नीतीश के एक विधायक को दो लाख की रिश्वत लेते हुए एक स्टिंग में दिखाए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, “नीतीश जी के एक विधायक अभी विधायक बने नहीं और सरकार का सौदा करने लगे। क्या बिहार को बेचने देना है?”
मोदी ने ‘एनडीए’ को ‘नेशनल डेवलपमेंट एलायंस’ बताते हुए कहा कि राजग विकास के लिए आपके पास आया है।
नीतीश के एक ‘तांत्रिक’ से मिलने पर मोदी ने एक बार फिर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब व्यक्ति चारों तरफ से असफल हो जाता है, तब उसे जादू-टोना और मंत्र-तंत्र पर भरोसा होने लगता है। उन्होंने कहा कि नीतीश भी पिछले छह महीने में सब कुछ कर चुके हैं, लेकिन महागठबंधन को हारता देख अब तंत्र-मंत्र का सहारा लेने लगे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र के लिए यह सही नहीं है। उन्होंने लोगों से मुखातिब होते हुए कहा, “आपको तंत्र-मंत्र चाहिए कि लोकतंत्र चाहिए?”
मोदी ने नीतीश और लालू पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो लालू प्रसाद केवल मनोरंजन करते थे, परंतु अब नीतीश कुमार भी उनसे प्रतिस्पर्धा करने लगे हैं। मोदी ने कहा कि नीतीश अपने दरबारियों के बीच आज-कल मुशायरा करने में व्यस्त हैं।
मोदी ने कहा, “नीतीश जी को सोमवार को मैंने मुशायरे की प्रैक्टिस करते देखा। कविता पाठ कर रहे थे। हम ये तो जानते थे कि महास्वार्थबंधन में तीन दल हैं- राजद, जद (यू) और कांग्रेस। नीतीश बाबू मुशायरे में भी ‘थ्री इडियट’ की पायरेटेड गीत ही क्यों लेकर आए? वाह नीतीश बाबू वाह, क्या खेल है।”
उल्लेखनीय है कि सोमवार को नीतीश कुमार ने ‘थ्री इडियट्स’ के एक गीत की तर्ज पर पत्रकारों के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते कविता पाठ किया था, जिसमें कहा था, “बहती हवा सा था वो गुजरात से आया था, वो कालाधन लाने वाला था, वो कहां गया उसे ढूंढ़ो।”
प्रधानमंत्री ने इस चुनाव को बिहार के भविष्य का चुनाव बताते हुए कहा कि इस चुनाव में एक तरफ विकास है, तो दूसरी तरफ अवसरवाद है। एक तरफ विकासवाद है तो दूसरी तरफ विनाश के रास्ते हैं। निर्णय मतदाताओं को करना है कि किस तरफ जाना है।
उन्होंने पलायन की चर्चा करते हुए कहा, “पिछले 25 साल में बिहार में कोई उद्योग नहीं पनपा और लालू जी पूछते हैं कि क्या है जंगलराज? लालू जी जंगलराज उसे कहते हैं, जब आपके शासनकाल में 30,000 अपहरण हुए। बिहार के लोग जहां भी गए, उस राज्य का विकास हुआ, लेकिन लालू और नीतीश के शासन में बिहार की जवानी बर्बाद हुई।”
उल्लेखनीय है कि नीतीश ने अपने फेसबुक पेज पर मोदी को ‘संकीर्ण सोच वाले प्रधानमंत्री बताया है और भाजपा नेता अरुण शौरी ने मोदी को अब तक का ‘सबसे कमजोर प्रधानमंत्री’ करार दिया है।