हरियाणा में धार्मिक मठ डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की आने वाली फिल्म को सेंसर बोर्ड ने स्वीकृति नहीं दी है. डेरा प्रमुख पर पहले से ही कई आपराधिक मामले चल रहे हैं. कई प्रमुख भारतीय समाचार प्रकाशकों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के द्वारा डेरा प्रमुख की फिल्म ‘एमएसजी: मैसेंजर ऑफ गॉड’ को हरी झंडी ना दिए जाने को प्रमुखता से छापा है. पहले इक्जामिनिंग कमेटी और फिर रिव्यूइंग कमेटी ने फिल्म को रिलीज ना किए जाने का निर्णय लिया है. अब फिल्म के निर्माता इसे एफसीएटी यानि फिल्म सर्टिफिकेशन एपीलेट ट्राइब्यूनल के पास भेज सकते हैं. एफसीएटी ही इसके रिलीज पर अंतिम फैसला दे सकती है.
एमएसजी को रोके जाने के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि इससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और फिल्म में डेरा प्रमुख खुद भगवान के अवतार के रुप में कई चमत्कार करते हुए दिखाए गए हैं. इस बात का कई सिख संगठन विरोध कर रहे हैं. 16 जनवरी को रिलीज के लिए तैयार इस फिल्म के मुख्य अभिनेता, निर्माता और निर्देशक खुद 47 वर्षीय गुरमीत राम रहीम ही हैं.
अनुयायिओं का बधियाकरण
डेरा प्रमुख के खिलाफ भारतीय पुलिस की जांच भी चल रही है. गुरमीत राम रहीम पर आरोप है कि उन्होंने अपने 400 से ज्यादा अनुयायिओं का जबरन बधियाकरण कराया. उनकी दलील थी कि इससे वे ईश्वर के ज्यादा करीब हो सकेंगे. राम रहीम के अनुयायी रहे हंस राज चौहान ने गुरू के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. चौहान के वकील नवकिरन सिंह ने आश्रम में ही ऑपरेशन करवाए जाने के मुद्दे पर समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, “उन्हें कहा गया था कि जो लोग बधिया करवा लेंगे, वे भगवान से मिल पाएंगे.”
वकील ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा आश्रम में ऐसे ऑपरेशन किए जाने का सिलसिला साल 2000 से ही जारी था. भारत में अपराधिक मामलों की जांच की प्रमुख एजेंसी सीबीआई डेरा प्रमुख के खिलाफ आपराधिक धमकी और गंभीर शारीरिक चोट पहुंचाने का मामला दर्ज कर चुकी है. इसके पहले से ही राम रहीम पर 2002 में एक पत्रकार की हत्या का षड़यंत्र रचने और महिला अनुयायिओं के यौन शोषण के मामले में ट्रायल चल रहा है.
डेरा सच्चा सौदा खुद को एक समाज कल्याण और आध्यात्मिक संस्था बतात है. डेरा की वेबसाइट पर गुरमीत राम रहीम को एक संत, लेखक, वैज्ञानिक, खोजी, दार्शनिक, परोपकारी, शांति सक्रियतावादी और “सर्वोच्च मानवतावादी” बताया गया है. अब उनके परिचय में अभिनेता भी जुड़ जाएगा क्योंकि अपनी आने वाली फिल्म में वह अपराधियों की पिटाई करते हुए, गीत गाते हुए भी दिख रहे हैं.
नवंबर 2014 में हरियाणा के ही एक दूसरे धर्मिक गुरू बाबा रामपाल को पुलिस ने काफी लंबी और हिंसक कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया था. उन पर हत्या का आरोप था और वह अपने आश्रम में ही छिपे हुए थे. आश्रम के बाहर उनके अनुयायी पुलिस के सामने मानव दीवार बन कर खड़े थे. इसके अलावा पंजाब में एक गुरू के मृत शरीर को फ्रीजर में सुरक्षित रखने के लिए उनके मानने वाले कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं. अनुयायिओं का मानना है कि उनके गुरू मृत नहीं, बल्कि ध्यान में हैं.
dw.de से