वाशिंगटन, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि डीएसीए कार्यक्रम खत्म होने से हजारों आप्रवासियों पर संकट की छाया मंडरा रही है। यह कार्यक्रम करीब 800,000 युवाओं को निर्वासन से संरक्षण प्रदान करता था। पूर्व राष्ट्रपति ने अपने उत्तराधिकारी डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को ‘क्रूर’ और ‘गलत’ बताते हुए इसकी आलोचना की है।
गौरतलब है कि ओबामा ने ‘डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल्स’ (डीएसीए) कार्यक्रम को 2012 में कार्यकारी आदेश के जरिए स्वीकृति दी थी।
ओबामा ने कहा, “यह छाया हमारे सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली युवा लोगों पर एक बार फिर पड़ गई है। इन युवा लोगों को निशाना बनाना गलत है..और यह क्रूरता है।”
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, उनकी राय में डीएसीए को रद्द करने और इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस को देने का ट्रंप का फैसला एक राजनीतिक फैसला है।
ओबामा ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट एक टिप्पणी में कहा, “आम तौर पर आप्रवासन के संबंध में अमेरिकी लोगों की जो भी चिंताएं या शिकायतें हो सकती हैं..हमें इन युवा लोगों के समूह को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, जो यहां अपनी गलती की वजह से नहीं हैं, जो हमारे लिए खतरा नहीं है..जो हमसे कुछ भी नहीं ले रहे हैं।”
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि इस कारण से यह सपना देखने वाले युवाओं का सवाल है, जो बिना दस्तावेजों के बचपन में अमेरिका आए।
उन्होंने कहा, “यह इस बारे में है कि हम चाहे तो आशावादी युवाओं को अमेरिका से बाहर निकाल दें या चाहे तो जैसा बर्ताव हम अपने बच्चों के लिए चाहते हैं, वैसा ही बर्ताव उनके संग करें।”
ओबामा ने कहा, “यह इस बारे में है कि एक इंसान के तौर पर हम कौन हैं और हम क्या बनना चाहते हैं?”
आज सुबह अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने आधिकारिक तौर पर इस फैसले की घोषणा की, हालांकि उन्होंने कहा कि डीएसीए का स्थगन चंद महीनों में प्रभावी होगा, इस दौरान कांग्रेस जरूर इसका कोई वैकल्पिक हल निकाल लेगा।