नई दिल्ली, 3 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) में जापानी निवेशकों के लिए व्यापक अवसर हैं। क्योंकि परियोजनाएं अब लागू होने के स्तर तक पहुंच गई हैं और अगले एक साल में व्यापार में आसानी के लिए कई उपाय लागू कर दिए जाएंगे। इसमें नीतिगत और एफडीआई सुधार आदि शामिल हैं। यह बात औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक ने बुधवार को कही।
जापान के उद्योगपतियों और सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल के लिए डीएमआईसी विकास निगम (डीएमआईसीडीसी) द्वारा आयोजित विशेष कार्यशाला में अभिषेक ने ध्यान दिलाया कि पहले ही प्रमुख योजनाओं का जमीनी काम पूरा हो चुका है, जिनमें धौलेरा, औरंगाबाद, विकम-उद्योगपुरी और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र शामिल हैं। यहां कंपनियों को जमीन का आवंटन कुछ महीनों में कर दिया जाएगा।
जापान भारत के अवसंरचना विकास में प्रमुख सहयोगी है और दिल्ली मेट्रो, समर्पित माल ढुलाई गलियारा, जो कि डीएमआईसी की रीढ़ है, प्रस्तावित मुंबई-अहमदाबाद उच्च गति रेल संपर्क जैसी परियोजनाएं जापान के सहयोग से ही चलाई जा रही हैं।
इस मौके पर जापान के उच्चाधिकारी केंजी हिरामातसू ने कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा द्विपक्षीय सहयोग की दिशा में किए गए तेज प्रयास व्यापार के लिए काफी उत्साहजनक संकेत है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कॉरिडोर में परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी, साथ ही भारत सरकार जापानी उद्यमियों को इन औद्योगिक क्षेत्रों में अपने कारोबार को स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहन बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि जापानी कंपनियों का भारत सरकार के साथ बेहद सफल निजी-सार्वजनिक भागीदरी है। राजस्थान के नीमराना में अब तक जापान की 44 कंपनियों ने अपना व्यवसाय स्थापित कर लिया है।