नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को ब्याज के रूप में रिलायंस इंफ्रास्ट्रकचर के ऋणदाताओं को 60 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्च र दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन में एक संयुक्त उद्यम साझेदार रही है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए डीएमआरसी को यह रकम चुकाने के लिए एक हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया।
दिल्ली मेट्रो ने न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें डीएमआरसी को रिलायंस इंफ्रा की सहयोगी कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को कर्ज देने वाले बैंक को ब्याज के रूप में 60 करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया था।
डीएएमईपीएल ने डीएमआरसी पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को चलाने का ठेका एक जनवरी, 2013 से खत्म कर दिया था। कंपनी ने 30 जून, 2013 को इस लाइन की जिम्मेदारी डीएमआरसी को सौंप दी थी। हालांकि इसके बाद से दोनों कंपनियों के बीच लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था।