नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। देश की अग्रणी रक्षा एजेंसी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के नए प्रमुख का वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने स्वागत किया। डीआरडीओ के प्रमुख का पद चार महीनों से रिक्त था।
नियुक्तियां करने के लिए उत्तरदायी मंत्रिमंडल समिति ने गुरुवार रात प्रख्यात वैज्ञानिक एस. क्रिस्टोफर को डीआरडीओ का महानिदेशक घोषित किया। क्रिस्टोफर का कार्यकाल दो वर्षो का होगा। एक अन्य वैज्ञानिक जी. एस. रेड्डी को दो साल के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया।
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने कहा कि संगठन प्रमुख या महानिदेशक की गैरहाजिरी में काम करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
डीआरडीओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “यह एक स्वागत योग्य कदम है, चार महीनों से बगैर पूर्णकालिक प्रमुख के डीआरडीओ को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, इससे समन्वय नहीं बन पा रहा था और काम पर इसका प्रभाव पड़ रहा था।”
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हाल ही में कहा था कि डीआरडीओ में एक पूर्णकालिक प्रमुख के अभाव की भरपाई क्लस्टर प्रमुखों को ज्यादा अधिकार देकर की जा रही थी।
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि इससे उनकी समस्या कम नहीं हुई।
एक अधिकारी ने कहा, “सुचारू रूप से काम के संचालन के लिए क्लस्टर प्रमुखों के बीच समन्वय होना जरूरी है। समस्या इसी बात की है।”
एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इस बीच कहा कि दिशानिर्देश के अभाव का खामियाजा कई परीक्षणों को भी भुगतना पड़ा है।
उन्होंने कहा, “कुछ परीक्षण लंबित हुए, क्योंकि कुछ बातें स्पष्ट नहीं थीं, आदेश और दिशानिर्देश देने वाला कोई नहीं था, इससे बहुत फर्क पड़ता है।”
पूर्व डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर को बिना किसी पूर्व सूचना के उनके पद से हटा दिया गया था और उनका कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो गया था। चंदर डीआरडीओ में महानिदेशक और सचिव के पद पर थे और रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी थे।
रक्षा सचिव आर. के. माथुर को बाद में डीआरडीओ सचिव का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया था।
माथुर 24 मई को सेवानिवृत हो चुके हैं।