वाशिंगटन, 25 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी सौर उपकरणों के निर्यात में बाधक भारत के ‘स्थानीय नियमों’ को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में दी गई चुनौती और अमेरिकी जीत का जमकर बखान किया है। ओबामा ने कहा कि उनका प्रशासन व्यापार कानूनों को लागू करने के लिए आक्रामक ढंग से आगे बढ़ेगा।
वाशिंगटन, 25 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी सौर उपकरणों के निर्यात में बाधक भारत के ‘स्थानीय नियमों’ को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में दी गई चुनौती और अमेरिकी जीत का जमकर बखान किया है। ओबामा ने कहा कि उनका प्रशासन व्यापार कानूनों को लागू करने के लिए आक्रामक ढंग से आगे बढ़ेगा।
ओबामा ने ‘ट्रेड फैसिलिटेशन एंड ट्रेड इंफोर्समेंट एक्ट’ को कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर करने से पहले कहा, “हम अन्य देशों को धोखेबाजी की इजाजत नहीं दे सकते। हम अन्य देशों को ऐसे काम नहीं करने दे सकते जिनसे अमेरिकी कामगारों और अमेरिकी व्यापार को नुकसान पहुंचे।”
ओबामा ने कहा, “एक चीज जिस पर मुझे बहुत गर्व है वह यह है कि हमने अमेरिकी कामगारों और अमेरिकी व्यापार की रक्षा के लिए अपने कानूनों को इस तरह से लागू किया है जिस तरह से पहले कभी नहीं किया गया था।”
उन्होंने कहा, “हम लोगों ने अन्य किसी प्रशासन के मुकाबले विश्व व्यापार संगठन के समक्ष अधिक मामले उठाए हैं। हमने जो भी मामला उठाया, उसमें जीत मिली। वास्तव में हम लोगों ने भारत के खिलाफ इसी हफ्ते एक मामला जीता है।”
इससे पहले संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने भी अमेरिकी जीत के बारे में बताया। उन्होंने भारत के उन नियमों को चुनौती दी थी जो आयातित सौर उत्पादों के साथ भेदभाव करते हैं।
उन्होंने कहा, “यह दुनिया भर में सौर ऊर्जा के तेजी से विकास के लिए महत्वपूर्ण जीत को दर्शाता है, लेकिन यह अमेरिका में नौकरी के अधिकार को भी दिखाता है।”
अर्नेस्ट ने कहा कि इसने यह भी दर्शाया कि प्रशासन अपने सभी उपायों का इस्तेमाल करके अपने व्यावसायिक साझीदारों को जवाबदेह बनाने के लिए लगातार जोर डाल रहा है।
वहाइट हाउस के बैकग्रांउडर में कहा गया है कि ओबामा ने बुधवार को सीमा शुल्क कानून पर जो हस्ताक्षर किया, वह व्यापारिक साझीदारों और विदेशी उद्योगों को ईमानदार और खुले ढंग से व्यापार करने के दायित्व के प्रति जवाबदेह बनाने के हमारे उपायों को मजबूती प्रदान करता है।
ओबामा प्रशासन के जोरदार दबाव के रिकार्ड का उल्लेख करते हुए इसमें भारत के खिलाफ एक और मामले का जिक्र किया गया है। कहा गया है कि खासकर भारत ने अमेरिकी पॉल्ट्री उत्पादों एवं अन्य कृषि उत्पादों पर अवैध प्रतिबंध लगा रखा था, उसे समाप्त करा दिया गया है।
इससे पहले अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि माइकल फ्रोमैन ने घोषणा की कि डब्ल्यूटीओ की विवाद निपटारा समिति ने अमेरिका के पक्ष में फैसला दिया। इसमें अमेरिका ने भारत सरकार द्वारा अमेरिकी सौर उत्पादों के निर्यात के साथ भेदभाव करने को चुनौती दी थी।
समिति अमेरिका की इस बात से सहमत हुई कि भारत के राष्ट्रीय सौर मिशन में ‘स्थानीय’ नियम आयातित सौर बैट्रियों और मॉड्यूल्स के साथ भेदभाव हैं।