नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। गृह परिषद ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के साथ मिलकर गुरुवार को यहां 8वें गृह सम्मलेन की शुरुआत की, जिसकी थीम ‘आदतों में बदलाव’ रखी गई है। इस सम्मेलन में टिकाऊ भविष्य के लिए हरित इमारत (ग्रीन बिल्िंडग) के निर्माण को जरूरी बताया गया।
नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। गृह परिषद ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के साथ मिलकर गुरुवार को यहां 8वें गृह सम्मलेन की शुरुआत की, जिसकी थीम ‘आदतों में बदलाव’ रखी गई है। इस सम्मेलन में टिकाऊ भविष्य के लिए हरित इमारत (ग्रीन बिल्िंडग) के निर्माण को जरूरी बताया गया।
गृह परिषद ने अगले तीन सालों में देश में हरित पदचिन्हों के वर्तमान के 3.5 करोड़ वर्गफीट से बढ़कर 7 करोड़ वर्गफीट होने की परिकल्पना की है। इस संदर्भ में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के सचिव राजीव कपूर ने वर्तमान इमारतों के लिए सम्मेलन के दौरान गृह रेटिंग को लांच किया।
उन्होंने इस मौके पर कहा, “एमएनआरई एक दशक से ज्यादा समय से गृह के साथ जुड़ी है और इसके हरित अभियान का समर्थन करती है। गृह की विशिष्ट पहलू यह है कि यह न सिर्फ अंतिम उत्पाद के बारे में है, बल्कि निर्माण से ही यह हरित पहल पर जोर देती है। हमें शहरीकरण के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने की जरूरत है। अगले 15-20 सालों में देश की आधी आबादी शहरों में रहेगी।”
उन्होंने वर्तमान इमारतों की रेटिंग के नए पहल का स्वागत किया और कहा पर्यावरण हितैषी आदतों को स्वीकार करने को यह बढ़ावा देगा।
टेरी के महानिदेशक और अध्यक्ष अजय माथुर ने गृह के दल को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा, “इस साल की थीम ‘आदतों में बदलाव’ बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हम अपने शहरी परिदृश्य का किस तरह से प्रबंधन करते है उसपर जोर दिए जाने की जरूरत है। साथ ही यह देखना होगा कि तकनीक हरित इमारतों में किस प्रकार से वित्त को आकर्षित करती है। वर्तमान में देश में तेज शहरीकरण की प्रक्रिया हो रही है और नई इमारते पुरानी इमारतों से अधिक हरित होती है। आज पारंपरिक इमारत निर्माण से हटकर हरित इमारतों का निर्माण समय की जरूरत है। ऐसे में गृह हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में काफी महत्वपूर्ण है।”