न्यूयार्क, 8 जून (आईएएनएस)। अमेरिका की फुड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने टाइप-1 मधुमेह की रोकथाम के लिए विकसित किए गए टीके के परीक्षण के दूसरे चरण में इसे चिकित्सीय पैमाने पर परखने की मंजूरी दे दी है।
इस टीके का नाम बैसिलस कैलमेटे-गुएरिन (बीसीजी) है, जिसका प्रथम चरण में चूहे पर परीक्षण पूरा हो चुका है। परीक्षण में यह टीका टाइप-1 मधुमेह की रोकथाम में प्रभावी पाया गया था।
पांच वर्षीय जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि क्या बीसीजी टीके को दोबारा देने से 18 से 60 वर्ष के वयस्कों में टाइप-1 मधुमेह से लड़ने में मदद मिलती है या नहीं, जिनके अग्नाशय से कम मात्रा में ही सही, लेकिन पता लगाने योग्य इंसुलिन का स्राव हो रहा है।
मेसाचुसेट्स जनरल हॉस्पीटल (एमजीएच) के इम्युनोबायोलोजी प्रयोगशाला के निदेशक और मुख्य अध्ययनकर्ता डिनाइज फौस्तमैन ने कहा, “प्रथम चरण में हमने बीसीजी की प्रतिक्रिया में सांख्यिकी विशेषता को दिखाया, लेकिन दूसरे चरण में हमारा लक्ष्य दीर्घकालीन अंतहीन उपचार को पेश करना है।”
उन्होंने कहा, “हम उन लोगों के साथ दोबारा काम करेंगे, जिसे टाइप-1 मधुमेह रहा है। हम ऐसा आहार नियम बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं, जिससे और बड़े रोगों का इलाज हो सके।”