रांची, 14 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड सरकार ने सोमवार को प्रदेश के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के उस बयान को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने दावा किया कि अडानी समूह राज्य में 1600 मेगावाट की प्रस्तावित ताप बिजली परियोजना से पीछे हटने का फैसला किया है।
इस संदर्भ में बिजली विभाग के प्रमुख सचिव एस.के. राहते ने आईएएनएस से कहा, “अभी तक हमलोगों के पास कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है कि अडानी समूह गोड्डा जिले में स्थापित होने वाली प्रस्तावित परियोजना से पीछे हटने का निर्णय किया है। “
विदित हो कि देवघर से भाजपा सांसद दूबे ने रविवार को कहा था कि अडानी समूह ने स्पष्ट कर दिया है कि वह झारखंड में प्रस्तावित बिजली परियोजना नहीं लगाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस साल फरवरी में मुंबई में आयोजित ‘मेक इन इंडिया’ के कार्यक्रम में अडानी समूह ने झारखंड में 15000 करोड़ की लागत से विधुत परियोजना स्थापित करने हेतु राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू)पर दस्तखत किया था। योजना के तहत उत्पादित बिजली बांग्लादेश को बेची जाती।
गौरतललब है कि अडानी समूह को जमीन उपलब्ध कराने के लिए संथालपरगाना में जमीन का दाम करने के विरोध में गत सप्ताह विधानसभा में भारी हंगामा हुआ था और सदन तीन दिनों के लिए स्थगित भी हुआ था।
झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के विधायक प्रदीप यादव ने शुक्रवार को इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए कहा था कि अडानी समूह के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर करने क्रम में सरकार ने राज्य की ऊर्जा नीति 2012 को नजरअंदाज किया।