रांची, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। झारखंड के दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो (एसीबी) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि रांची की एसीबी अदालत के आदेश के आलोक में इस संबंध में अन्य लोगों के साथ ही पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता हेमलाल मुर्मू तथा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी.के. त्रिपाठी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। त्रिपाठी अभी एनसीआर योजना बोर्ड के प्रमुख हैं।
प्राथमिकी 14 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है, जिनमें अमूल राजन भी शामिल हैं। उन्हें साल 2014 में ‘रिनपास’ का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया था।
ये आरोप लगाए गए हैं कि राजन को रांची इंस्टीट्यट ऑफ न्यूरो-साइकियाट्री एंड अप्लाइड साइंस (रिनपास) के प्रभारी निदेशक पद पर दोबारा नियुक्त किया गया। इससे पहले साल 2010 में वह इस पद पर नियुक्त किए गए थे, जिसकी मंजूरी तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू ने दी थी।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताने के बाद साल 2013 में उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। नियम के मुताबिक, रिनपास के निदेशक के रूप में किसी एमबीबीएस डॉक्टर की ही नियुक्ति होनी चाहिए।
एसीबी सूत्रों के अनुसार, इस पद पर नियुक्ति के लिए राजन के नाम की संस्तुति तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव बी.के. त्रिपाठी ने की थी और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने अपनी स्वीकृति दी थी।
एसीबी ने कहा कि मामले की जांच के दौरान राजन की नियुक्ति में अनियमितताएं पाई गई हैं। नैदानिक मनावैज्ञानिक के पद पर भी उन्हें साल 1997 में गलत ढंग से नियुक्त किया गया था।
ये भी आरोप लगाए गए हैं कि राजन ने अपने पद को क्रमोन्नत कर वेतन लाभ और अन्य सुविधाओं में विस्तार किया था।