Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 झारखंड: आखिर सीट बंटवारे पर क्यों अडिग है भाजपा ? | dharmpath.com

Friday , 22 November 2024

Home » राजनीति » झारखंड: आखिर सीट बंटवारे पर क्यों अडिग है भाजपा ?

झारखंड: आखिर सीट बंटवारे पर क्यों अडिग है भाजपा ?

November 16, 2019 10:46 pm by: Category: राजनीति Comments Off on झारखंड: आखिर सीट बंटवारे पर क्यों अडिग है भाजपा ? A+ / A-

नई दिल्ली- महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद झटका खाई भाजपा क्या झारखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन में नुकसान देख रही है? आजसू के साथ सीटों के बंटवारे के मसले पर भाजपा के बैकफुट पर न आने के बाद पार्टी से जुड़े सूत्र इस सवाल का जवाब हां में दे रहे हैं। राज्य की कुल 81 सीटों में भाजपा अब तक 71 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। सिर्फ 10 सीटें छोड़कर भाजपा ने गेंद आजसू के पाले में डाल रखी है। अगर इन सीटों पर आजसू ने रुख साफ नहीं किया तो भाजपा अपने दम पर सभी सीटों पर लड़ने की तैयारी में है। भाजपा को लगता है कि चुनाव पूर्व गठबंधन से ज्यादा बेहतर है जरूरत के हिसाब से चुनाव बाद गठबंधन करना। भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “चुनाव बाद भी तो गठबंधन के विकल्प खुले रहते हैं। आजसू के साथ जब सीटों पर पटरी नहीं बन रही है तो बेहतर है कि पार्टी अपने दम पर लड़े। ज्यादा सीटों पर लड़ने से संभावनाएं और बेहतर होंगी। चुनाव पूर्व गठबंधन तब करना मजबूरी होती है, जब पार्टी की हालत खराब हो। 2014 में भाजपा को सबसे ज्यादा 37 सीटें मिलीं थीं। भाजपा ने स्थिर सरकार देकर जनता के दिल में जगह बनाई है। भाजपा मजबूत है और अकेले लक्ष्य हासिल कर सकती है।”

गौरतलब है कि झारखंड में सहयोगी आजसू ने कुल 19 सीटें मांगीं थीं, जबकि पिछली बार भाजपा ने उसे आठ सीटें दीं थीं, जिसमें से उसे पांच सीटों पर जीत मिली थी।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा को लगा कि महाराष्ट्र की तरह अगर झारखंड में भी उसने गठबंधन में अधिक सीटों पर समझौता किया तो फिर मुश्किल हो सकती है। चुनावी नतीजों के बाद जब शिवसेना साथ छोड़ सकती है तो फिर झारखंड में सहयोगी दल आजसू भी आंख दिखा सकती है।

इसी वजह से पार्टी ने पिछली बार से दो ज्यादा यानी अधिकतम 10 सीट ही आजसू को ऑफर की है। यही वजह है कि भाजपा ने 10 सीटें फिलहाल छोड़ी हैं। मगर आजसू ने भी सीटों के बंटवारे पर झुकने का फैसला नहीं किया। नतीजा रहा कि आजसू ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के खिलाफ भी चक्रधरपुर से अपना प्रत्याशी उतार दिया।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के विधानसभा चुनाव प्रभारी ओम माथुर सीटों के बंटवारे और गठबंधन के भविष्य की गेंद फिलहाल आजसू के पाले में डाल चुके हैं। पत्रकारों से बातचीत में वह कह चुके हैं, “भाजपा ने कुछ सीटें छोड़ी हैं, अब हम आजसू के रुख का इंतजार कर रहे हैं।”

झारखंड: आखिर सीट बंटवारे पर क्यों अडिग है भाजपा ? Reviewed by on . नई दिल्ली- महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद झटका खाई भाजपा क्या झारखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन में नुकसान देख रही है? आजसू के साथ सीटों के नई दिल्ली- महाराष्ट्र में चुनाव पूर्व शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद झटका खाई भाजपा क्या झारखंड में चुनाव पूर्व गठबंधन में नुकसान देख रही है? आजसू के साथ सीटों के Rating: 0
scroll to top