नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि जो लोग हकीकत और भाजपा का सामना नहीं कर सकते वो पार्टी छोड़ सकते हैं और निडर नेताओं को कांग्रेस में लाना चाहिए.
उन्होंने कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ डिजिटल कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया का उदाहरण दिया और कहा कि जो लोग डरे हुए थे, वो कांग्रेस से बाहर चले गए.
राहुल गांधी ने कहा, ‘बहुत सारे लोग जो डरे हुए नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस से बाहर हैं. ऐसे सभी लोग हमारे हैं. उन्हें अंदर लाइए और जो हमारी पार्टी में हैं और डरे हुए हैं उन्हें बाहर करना चाहिए.’
कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया, ‘ये आरएसएस के लोग हैं और उन्हें बाहर जाना चाहिए, उन्हें आनंद लेने दीजिए. हम उन्हें नहीं चाहते हैं, उनकी जरूरत नहीं है. हमें निडर लोगों की जरूरत है. यही हमारी विचारधारा है. यही आप लोगों को मेरा बुनियादी संदेश है.’
सिंधिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपना घर बचाना था, वह डर गए और आरएसएस के साथ चले गए.’
राहुल गांधी की टिप्पणी इस मायने में महत्वपूर्ण है कि पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए.
यह पहली बार है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी के सोशल मीडिया विभाग के 3,500 कार्यकर्ताओं को ‘जूम’ (ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) के माध्यम से संबोधित किया.
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने इस दौरान करीब 10 युवा कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गांधी ने उन्हें किसी से नहीं डरने के लिए कहा और महात्मा गांधी का उदाहरण दिया, जो अंग्रेजों के अत्याचारों के बावजूद कभी नहीं डरे.
उन्होंने सोशल मीडिया के सदस्यों से कहा कि वे उनसे बात करने से न डरें, क्योंकि वे उनके परिवार का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, ‘आप अपने भाई से बात कर रहे हैं और आपको डरना नहीं चाहिए. आप मुझे कभी भी डरते हुए नहीं देखेंगे.’
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सभी को समान अधिकार देना चाहती है, लेकिन आरएसएस कुछ ही लोगों को फायदा पहुंचाना चाहता है.
राहुल गांधी के बयान को पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने बहुत ही जरूरी टिप्पणी करार दिया और कहा कि इस दिशा में ठोस पहल की आवश्यकता है.