इस्लामाबाद। जिस तरह से अमरीका ने अफगानिस्तान छोड़ दिया है उसी तरह एक दिन भारत भी कश्मीर को छोड़ देगा यह कहना है जमात-उल-दावा के मुखिया हाफिज मोहम्मद सइद का कहना है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थानीय मीडिया वर्कशॉप को संबोधि करते हुए हाफिज ने कहा है। हाफिज ने कहा कि अमरीका अफ गानिस्तान छोड़ना नहीं चाहता था लेकिन उसे छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। उसी तरह से एक दिन भारत को भी कश्मीर छोड़ना पड़ेगा। अमरीका की मध्य एशिया में लंबी योजना थी। वह इस क्षेत्र में बेस बनाकार रिजन की परिदृश्य को बदलना चाहता था लेकिन नाकामयाब रहा। खुदा ने उसे अफगानिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया खुदा की मर्जी पर इंडिया को भी कश्मीर छोड़ना होगा।
साथ ही हाफिज ने कहा कि अमरीका और भारत दोनों की हमारे शांति के खिलाफ हैं। दोनों नहीं चाहते की पाक सरकार तालिबानियों से बातचीत करके शांति बहाल करे।
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तीन युद्धों में दो युद्ध कश्मीर को लेकर हुए हैं। लेकिन दोनों देशों का उद्देश्य पूरा कश्मीर अपने में मिलाना है कि लेकिन दोनों देश क श्मीर के एक-एक हिस्से पर शासन करते आए हैं।
कौन है हाफिज?
हाफिज सईद ने ही 90 के दशक में आतंकी सगंठन लश्कर ए तैयबा का गठन किया था। बाद में पाकिस्तान ने इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया उसके बाद हाफिज ने जमात उल दावा के नाम से नया संगठन बनाया। अब इस संगठन के आड में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। 2001 में भारतीय संसद पर हमला इसी संसद ने किया था। साथ ही 26/11 का मुंबई हमला भी इसी संगठन ने किया था। मुंबई हमलें का मास्टरमाइंड हाफिज सइद ही है। भारत सरकार ने मुंबई हमलों में हाफिज सइद को प्रमुख आरोपी बनाया था। अमरीकी सरकार ने उस पर एक करोड़ अमरीकी डॉलर का ईनाम रखा हुआ है।