नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने शनिवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में कथित तौर पर लगाए गए देश विरोधी नारे की जांच पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को स्थानांतरित कर दी गई है, जो आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करता है।
नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने शनिवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में कथित तौर पर लगाए गए देश विरोधी नारे की जांच पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को स्थानांतरित कर दी गई है, जो आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करता है।
बस्सी ने कहा, “मैंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मामला विशेष प्रकोष्ठ को स्थानांतरित कर दें। स्थानांतरण प्रक्रिया दो-तीन दिनों में पूरी हो जाएगी। मामले में विशेष जांच की जरूरत है। धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत दायर किसी मामले में विशेष प्रकोष्ठ ही न्याय कर पाएगा।”
पुलिस आयुक्त ने कहा कि स्थानीय जिला पुलिस इस मामले पर उतना ध्यान नहीं दे पाएगी, जितने की जरूरत है, क्योंकि उन्हें कानून-व्यवस्था से संबंधित तमाम दैनिक मामलों से निपटना पड़ता है।
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, और विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, आशुतोष कुमार, रामा नागा और अनंत प्रकाश नारायण कथित तौर पर देश विरोधी नारेबाजी के लिए देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
कन्हैया को देशद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। जेएनयू परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथिततौर पर देश विरोधी नारे लगाए गए थे। अफजल को 2013 में फांसी दी गई थी।
खालिद और अनिर्बान ने मंगलवार रात विश्वविद्यालय के एक प्रवेश द्वार के बाहर पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था और दोनों की पुलिस हिरासत शनिवार को दो दिन बढ़ा दी गई। इसके पहले उन्हें तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था, जिसकी अवधि शनिवार को समाप्त हो गई।
आशुतोष शनिवार सुबह जांच में शामिल हुए।