नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रभक्ति का इस्तेमाल खौफ पैदा करने के लिए न करने का अनुरोध करते हुए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय विवाद पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और कहा कि जेएनयू को ‘आतंकवाद के अड्डे के रूप में प्रस्तुत करना’ ठीक नहीं है।
केजरीवाल ने इस खुले पत्र में प्रधानमंत्री से भाजपा विधायक ओ. पी. शर्मा जैसे ‘उपद्रवी और अराजक’ तत्वों के खिलाफ कार्रवाही की भी मांग की।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को अदालत परिसर के अंदर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक कार्यकर्ता पर हमला करते हुए शर्मा का एक वीडियो सामने आया है।
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाने की निंदा की है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रभक्ति को खौफ में बदलकर संवैधानिक संस्थाओं को अपने इशारे पर चलाना ठीक नहीं है।”
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है, “उस घटना को बहाना बनाकर पूरे जेएनयू को आतंकवादियों के अड्डे के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। यह बहुत ही खतरनाक है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जेएनयू और उसके विद्यार्थियों ने नाम कमाया है। ऐसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को आतंकवाद के अड्डे के रूप में प्रस्तुत करना सही नहीं होगा।”
गौरतलब है कि जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को कथित तौर पर विश्वविद्यालय परिसर में कश्मीर मुद्दे पर आयोजित एक सभा में भारत विरोधी नारे लगाने के लिए राष्ट्रद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके बाद केजरीवाल ने मोदी को यह पत्र लिखा है।
सोमवार को कन्हैया कुमार को पटियाला हाउस अदालत में पेश किए जाने के दौरान कुछ वकीलों ने पत्रकारों और जेएनयू के विद्यार्थियों के साथ मारपीट की।
भाजपा विधायक शर्मा की इस दौरान अदालत के नजदीक ही सड़क पर भाकपा के एक कार्यकर्ता को दौड़ा कर पीटने वाला वीडियो सामने आया है।
केजरीवाल ने शर्मा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए लिखा है, “शर्मा के खिलाफ तुरंत कार्रवाई कर संदेश दिया जाए कि सरकार इस किस्म की अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगी। वह भाजपा के विधायक हैं। भाजपा को भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
केजरीवाल ने कहा, “मेरा तो मानना है कि यदि आप एक बार ओ. पी. शर्मा को बुलाकर डांट भी देंगे तो वह भविष्य में ऐसी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं करेंगे। नहीं तो शर्मा जैसे तत्वों को लगता है कि उन्हें केंद्र सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है।”
केजरीवाल ने इस मामले में गिरफ्तार सभी निर्दोष लोगों को तुरंत रिहा करने एवं जेएनयू और अन्य शिक्षण संस्थानों में राजनैतिक दखलंदाजी बंद करने की मांग भी की।