हरिद्वार- जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरिगिरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश के बाद प्रशासन ने मंदिर निर्माण के आड़ में हुए अखाड़े के निर्माण ढाह दिया। हनुमान मंदिर व ललतारौ नदी के बीच हुए अतिक्रमण को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चार जेसीबी की मदद से हटाया गया। इससे पहले पुलिस ने वहां रह रहे साधुओं को बाहर करवा दिया था।
बिरला पुल के पास जूना अखाड़े का हुनमान मंदिर है। इसके पास से ललतारौ बरसाती नदी बहती है। जिला प्रशासन का कहना है कि हरिद्वार कुंभ से पहले ललतारौ के पास से धोबी घाट को हटा कर वैरागी कैंप भेज दिया था। खाली कराई गई जमीन सरकारी थी। हनुमान मंदिर की आड़ में जूना अखाड़ा ने नदी की ओर अतिक्रमण कर यहां पक्का निर्माण कर दिया।
इस मामले में जिलाधिकारी सचिन कुर्वे ने बुधवार को जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरिगिरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया। शाम प्रशासन का लाव लश्कर ललतारौ पहुंचा, विरोध की आशंका के बीच बड़ी संख्या में पुलिस बल वहां तैनात था।
पुलिस ने सबसे पहले वहां पहुंचकर अंदर मौजूद साधुओं को बाहर किया, उसके बाद निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। इस संबंध में गुरुवार देर शाम संबंधित नायब तहसीलदार ने महंत हरिगिरी के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर दिया था। जिलाधिकारी सचिन कुर्वे ने इसकी पुष्टि की है, वहीं शहर कोतवाली इस संबंध में किसी भी तरह के मुकदमे से साफ इंकार कर रही है।
यह था मामला
हरिद्वार कुंभ के बाद बरसाती नदी के ललतारौ का पुल के समीप बड़ा हिस्सा खाली हो गया था। प्रशासन की जांच में मामला साफ हुआ कि सिचांई विभाग की इस जमीन पर दान पटटा लिखवाकर जूना अखाड़े ने निर्माण शुरू कर दिया था। आखड़े ने खाली पड़ी इस भूमि पर मंदिर की आड़ में अवैध निर्माण कर लिया। यह मामला कई दिनों से चर्चा में है।