काठमांडू, 5 मार्च (आईएएनएस)। अवसंरचना क्षेत्र की कंपनी जीएमआर इंडिया बांग्लादेश के साथ एक समझौता करने वाली है, जिसके तहत वह नेपाल में उत्पादित 500 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को बेचेगी।
काठमांडू, 5 मार्च (आईएएनएस)। अवसंरचना क्षेत्र की कंपनी जीएमआर इंडिया बांग्लादेश के साथ एक समझौता करने वाली है, जिसके तहत वह नेपाल में उत्पादित 500 मेगावाट बिजली बांग्लादेश को बेचेगी।
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी बिजली उत्पादन नेपाल में उसके द्वारा निर्माणाधीन दो पनबिजली परियोजनाओं से होगा।
कंपनी ने नेपाल के साथ पश्चिमी नेपाल में 900 मेगावाट वाली अपर कर्नाली परियोजना के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि मध्य नेपाल में 600 मेगावाट वाली अपर मर्सियांग्डी-2 परियोजना के निर्माण की मंजूरी लेने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है।
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले नेपाली अधिकारियों के मुताबिक, बांग्लादेश को बिजली निर्यात के लए एक समझौते पर तीन दिवसीय क्षेत्रीय ऊर्जा सम्मेलन में हस्ताक्षर किए जाएंगे। सम्मेलन गुरुवार को काठमांडू में शुरू हो रहा है और इसमें भारत, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान में सीमा के आर-पार ऊर्जा सहयोग का पर्यवेक्षण करने वाले ऊर्जा मंत्री हिस्सा लेंगे।
समझौते पर बांग्लादेश के बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन राज्यमंत्री नसरुल हामिद और जीएमआर के नेपाल कारोबार के अध्यक्ष हरविंदर मनोचा हस्ताक्षर करेंगे। इस मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला भी मौजूद रहेंगे।
काठमांडू और ढाका की मीडिया रपटों के मुताबिक, दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में पहली बार इस तरह का द्विपक्षीय सहयोग होने जा रहा है। गत वर्ष काठमांडू में हुए 18वें दक्षेस शिखर सम्मेलन में दक्षेस ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर होने और भारत के हाल के उप क्षेत्रीय सहयोग बीआईबीएन (भूटान, भारत, बांग्लादेश और नेपाल) के कारण यह द्विपक्षीय सहयोग संभव होने जा रहा है।
कंपनी और बांग्लादेश के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने के बाद जीएमआर और बांग्लादेश पावर डिवीजन के बीच एक बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
शुरू में बांग्लादेश अपर मर्सियांगड़ी-2 परियोजना से 200 मेगावाट बिजली का आयात करेगा। बाद में अपर कर्नाली परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का आयात शुरू किया जाएगा।
इस समझौते के लिए भारत की सहमति भी जरूरी है, क्योंकि पारेषण लाइन भारतीय सीमा से होकर गुजरेगी।
मीडिया रपटों के मुताबिक, बांग्लादेश के अधिकारी इस बारे में भारतीय अधिकारियों से बात कर रहे हैं।