लखनऊ, 22 नवंबर (आईएएनएस)। स्टेनलेस स्टील विनिर्माता कंपनी जिंदल स्टेनलेस ने गुरुवार को ‘इनोरेल इंडिया 2018’ के तीसरे संस्करण में रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डस ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के साथ भागीदारी की घोषणा की।
स्टेनलेस स्टील यानी जंगरोधी इस्पात का उपयोग रेलवे में ट्रेन के कोच बनाने के साथ-साथ पुलों में होने लगा है। इसलिए कंपनी इस भागीदारी को एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है।
कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिंदल स्टेनलेस मौजूदा दौर में रेलवे की स्टेनलेस स्टील की जरूरतों को पूरा करने वाली सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता है।
कंपनी ने कहा कि कोच सेगमेंट के बाजार में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी जिंदल स्टेनलेस की है और अब रेलवे की बुनियादी संरचना, खासतौर से पुल के आधुनिकीकरण के क्षेत्र में भागीदार बनने के लिए कंपनी ने रेलवे से हाथ मिलाया है।
‘इनोरेल’ कार्यक्रम के अवसर पर मीडिया से बात करते हुए जिंदल स्टेनलेस में बिक्री प्रमुख विजय शर्मा ने कहा, “एक प्रगतिशील संस्थान के रूप में आरडीएसओ सुरक्षित और टिकाऊ बुनियादी ढांचा तैयार करने की दिशा में प्रयासरत है। इस दिशा में स्टेनलेस स्टील के कोच और पुलों का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। जिंदल स्टेनलेस इस विकास यात्रा में आरडीएसओ का भागीदार बनकर गौरवान्वित है।”
विज्ञप्ति के अनुसार, रेलवे अगले अगले चार-पांच साल के दौरान हर साल करीब 10,000 स्टेनलेस स्टील कोच बनाएगी।
कंपनी ने कहा कि भारत की समुद्री रेखा 7500 किलोमीटर की है, जहां पुलों में स्टेनलेस स्टील का उपयोग कारगर साबित होगा, क्योंकि इसमें जंग नहीं लगता है।