भोपाल :
जल-संसाधन विभाग के अंतर्गत विभागाध्यक्ष और प्रमुख अभियंता कार्यालय के बीच प्रशासनिक व्यवस्था को ई-ऑफिस से जोड़ा गया है। यह व्यवस्था लागू होने से नस्तियों का सम्पादन ई-ऑफिस द्वारा शीघ्रता से किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के उपयोग से जल-संसाधन विभाग के विभिन्न कार्यालयों में अब कागजी दस्तावेज संधारित करने की आवश्यकता घटकर केवल 50 प्रतिशत रह गयी है।
जेण्डर मुद्दों पर विभागीय गतिविधियाँ
मध्यप्रदेश देश में ऐसा पहला राज्य है, जहाँ सिंचाई प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी अधिनियम के जरिये सुनिश्चित की गयी है। जल उपभोक्ता क्षेत्रों में भू-धारकों की पत्नियाँ, जो भू-धारक नहीं हैं, को भी भू-धारक मान्य किया गया है। महिलाओं को कृषक संगठन के निर्वाचन में मताधिकार एवं चुनाव लड़ने का अधिकार देकर सशक्त बनाया गया है।
कृषक संगठन संचालन के लिये गठित की जाने वाली 6 उप समितियों में से एक उप समिति ‘महिलाओं की भागीदारी उप समिति” स्वरूप में गठित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इसमें सभी 6 सदस्य महिलाएँ होंगी। उप समिति की अध्यक्ष भी महिला सदस्य होंगी।