विधान पार्षद यशवंत सिंह ने आचार्य के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नरेंद्र देव ने हिंदी में समाजवाद के सर्वप्रथम व्याख्याकार लोकमान्य तिलक के नेतृत्व में स्वाधीनता आंदोलन को गति दी। गांधी जी के साथ नजरबंद रहे और जयप्रकाश, लोहिया आदि साथियों के साथ कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन किया।
उन्होंने बताया कि भारत वर्ष में समाजवादी विचारधारा के पहले फोरम का गठन पटना के अंजुमन इस्लामिया हॉल में 1936 में हुआ था, जिसमें आचार्य देव प्रथम अध्यक्ष और जयप्रकाश प्रथम महामंत्री बनाए गए।
उन्होंने कहा कि आचार्य देव ने आजाद भारत में राजसत्ता से मुक्त रहकर राष्ट्र सेवा की। आचार्य ने कहा था कि समाजवाद का सवाल केवल रोटी का सवाल नहीं है। समाजवाद मानव स्वतंत्रता की कुंजी है। आचार्य ने ही लोकतंत्रिक समाजवाद को राष्ट्रीयता और किसान आंदोलन से जोड़ा था।