चेन्नई, 30 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी। पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री रहते हुए उन्होंने राहुल के दफ्तर से मिलने वाले ‘विशेष अनुरोधों’ पर काम किया।
जयंती ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा करती हूं। पिछले कुछ समय में जो कुछ हुआ, उससे मुझे लगा कि वह समय आ गया है जब मुझे पार्टी के साथ अपने संबंधों पर दोबारा विचार करना चाहिए। कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रह गई है, जिसके साथ मैं जुड़ी थी।”
पिछले करीब 30 साल से पार्टी से जुड़ी रहीं जयंती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने के बाद पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के रूप में पर्यावरण की रक्षा के संबंध में उन्होंने पार्टी लाइन का अनुपालन किया और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय से मिलने वाले ‘विशेष अनुरोधों’ का भी खयाल रखा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 20 दिसंबर, 2013 को उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा था। बकौल जयंती, “पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर उन्हें राहुल गांधी के दफ्तर से कई अनुरोध व नुमाइंदगी मिली और इन निर्देशों के तहत..मैंने अपना काम किया। मैंने इन परियोजनों की जांच की और उनमें से कुछ को रोक दिया।”
बेहद नाराज नजर आ रहीं जयंती ने कहा, “कांग्रेस के बाद मैं अपने जीवन एवं भविष्य को लेकर सोचूंगी। फिलहाल मेरी किसी भी पार्टी से जुड़ने की योजना नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के किसी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने अपने कार्यकाल में पर्यावरण से संबंधित परियोजनाओं को दी गई मंजूरी से संबंधित मामलों की जांच के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि जांच पारदर्शी होनी चाहिए।
जयंती ने कहा, “मुझे अपने परिवार एवं मेरी खुद की प्रतिष्ठ को बरकरार रखने की दिशा में काम करना होगा।”
उन्होंने कहा कि उनके पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि राहुल गांधी के विशेष अनुरोध पर परियोजनाओं के संबंध में पर्यावरणीय मंजूरी दी गई थी। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को इससे इंकार करने दीजिये।”
जयंती ने कहा कि वह उस परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जो वर्षो से कांग्रेस के लिए निष्ठावान रहा है। उनहोंने यह भी कहा कि वह गांधी परिवार के प्रति भी ईमानदार व निष्ठावान रहीं। उन्होंने सवाल किया, “पिछले एक साल में हर किसी ने क्यों मेरी प्रतिष्ठा धूमिल की और मेरे परिवार की विरासत को तार-तार किया?”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने केवल नियमों का पालन किया। नियम तोड़े नहीं।”