जम्मू, 15 मार्च (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राज्य में सिविल तथा पुलिस विभाग के लगभग 55 शीर्ष अधिकारियों के स्थानांतरण का रविवार को आदेश दिया।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार के एक मार्च को सत्तासीन होने के बाद यह पहला बड़ा फेरबदल है।
सईद की सरकार ने हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के प्रधान सचिव बी.बी.व्यास का तबादला नहीं किया है, इसी तरह मुख्य सचिव मोहम्मद इकबाल खांडे तथा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के.राजेंद्र कुमार का भी तबादला नहीं किया गया है।
जम्मू में रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक बैठक हुई, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के शीर्ष अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश जारी किया। इसमें मुख्य सचिव तथा आयुक्त स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं।
रविवार को जिन अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया, उसमें आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) तथा पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के अधिकारी हैं।
कैबिनेट ने राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी लतीफ-उल-जमन देवा की नियुक्ति की राज्यपाल से सिफारिश की है।
साथ ही रियाज अहमद जन को प्रदेश का नया महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पवन कोतवाल को जम्मू का संभागीय आयुक्त बनाया गया है, जबकि गजनफार हुसैन कश्मीर डिवीजन के नए संभागीय आयुक्त होंगे।
रोहित कंसल को लोक निर्माण विभाग का नया आयुक्त/सचिव बनाया गया है, वहीं शांतमनु को स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए मुक्त कर दिया गया है। इस पद को अब बी.आर.शर्मा संभालेंगे।
एस.जे.एम.गिलानी कश्मीर जोन के नए पुलिस महानिरीक्षक होंगे, जबकि दानिश राना जम्मू जोन के नए पुलिस महानिरीक्षक होंगे।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक अब्दुल गनी मीर का स्थानांतरण आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के नए प्रमुख के तौर पर कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि यह बैठक जम्मू एवं कश्मीर राज्य के ध्वज को लेकर उठे विवाद के बाद बुलाई गई है।
जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने पिछले सप्ताह एक आदेश जारी कर मंत्रियों और अधिकारियों से अपने वाहनों, कार्यालयों और सरकारी इमारतों पर राज्य का ध्वज लगाने का निर्देश दिया था।
इसके दो दिनों बाद ही इस निर्देश को रद्द किए जाने का आदेश जारी किया गया, जिससे सईद के विरोधियों को यह आरोप लगाने का मौका मिल गया कि उन्हें यह फैसला अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव में करना पड़ा।
जम्मू एवं कश्मीर देश का इकलौता राज्य है, जिसका अपना संविधान और अपना ध्वज है।
मंत्री ने हालांकि आईएएनएस से कहा कि प्रशासनिक फेरबदल का निर्णय ध्वज संबंधित घटना पर मुख्यमंत्री की नाराजगी का नतीजा है।