जम्मू/श्रीनगर, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)।जम्मू एवं कश्मीर में आए भारी भूकंप के एक दिन बाद मंगलवार को संचार व्यवस्था बहाल कर दी गई। राज्य में भूकंप का दहशत अब भी कायम है, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू शहर में आईएएनएस को मंगलवार को बताया, “भूकंप के कारण रियासी जिले में एक खड़ी ढलान से नीचे गिरने से एक 16 वर्षीय लड़के की मौत हो गई और उसके पिता चोटिल हो गए।”
अधिकारी ने बताया, भूकंप के दहशत से दो महिलाओं की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जिनमें से एक उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले की और दूसरी कश्मीर के अनंतनाग जिले की थी।
सोमवार को रिक्टर पैमाने पर 7.5 की तीव्रता वाला भूकंप आने के बाद मोबाइल टेलीफोन सेवाओं, ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल बंद कर दिया गया था।
सैकड़ों लोग सड़कों, वाहनों और अन्य जगहों पर फंसे रहे। श्रीनगर शहर में घबराहट और अफरा-तरफी के हालात पैदा हो गए थे।
भूकंप के कारण जम्मू और श्रीनगर शहरों में सैकड़ों सरकारी और निजी इमारतों में दरारें आ गई हैं।
एक वरिष्ठ सिविल इंजीनियर ने कहा कि इमारतों को पहुंचे वास्तविक नुकसान का तत्काल आकलन नहीं किया जा सकता।
जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी के स्थानीय लोगों को भूकंप के बाद और नए झटकों की आशंका सता रही है।
एक विशेषज्ञ के अनुसार, “भूकंप के बाद इमारतें असुरक्षित हो जाती हैं, क्योंकि उसके बाद के झटकों से उनके ढहने का खतरा बढ़ जाता है।”
श्रीनगर शहर के एकमात्र फ्लाईओवर में भी दरारें आ गई थीं, जिस कारण कई घंटों तक उस पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। इंजीनियरों की जांच के बाद उसे फिर से शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को उनके विशिष्ट सुरक्षा समूह (एसएसजी) द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया, जो टैगोर हॉल में एक सांस्कृतिक समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे, जबकि अन्य गणमान्य व्यक्ति और वरिष्ठ अधिकारी खचाखच भरे कक्ष से बाहर भागे।
राज्य के सिविल सचिवालय में भी अव्यवस्था फैल गई।
जम्मू और श्रीनगर शहरों और अन्य जिला मुख्यालयों में सभी आधिकारिक समारोहों और मुलाकातों को स्थगित कर दिया गया।
भूकंप विज्ञानियों के अनुसार, घाटी सेसमिक जोन पांच में आती है। सेसमिक जोन भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है।