नई दिल्ली/जबलपुर, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित आयुध फैक्टरी खमरिया (ओएफ के) में जमा हजारों अनुपयोगी (रिजेक्ट) और बिना चले (अनएक्सप्लोडेड) बमों को खतरनाक बताए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
मानवाधिकार आयोग के जस्टिस डी. मुरुगेसन ने पिछले दिनों छपी मीडिया रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को रक्षा मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी किया है। उनसे दो सप्ताह में तथ्यात्मक ब्योरा मांगा है। इस नोटिस में कहा गया है कि अगर मीडिया रिपोर्ट के तथ्य सही हैं तो यह मामला गंभीर है, क्योंकि यह जीवन के अधिकार और कर्मचारियों व स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य के अधिकार के उल्लंघन का मामला है।
मानवाधिकार आयोग की विज्ञप्ति के मुताबिक ओएफके में हजारों की संख्या में अनुपयोगी और बिना चले बमों के जमा होने से जबलपुर को खतरा है। 14 दिसंबर की मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि जबलपुर भूकंप प्रभावित क्षेत्र है और ओएफके में कई बार विस्फोट हो चुके हैं। इस स्थिति में सेना के बिना नष्ट किए गए विस्फोटकों का जमाव खतरनाक है। यहां कारगिल युद्ध 1999 के विस्फोटकों के साथ ही नष्ट करने के लिए रखे गए विस्फोटक रखे गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कई सालों में इस परिसर में कई विस्फोट हो चुके हैं और इसी माह 11 दिसंबर को हुए विस्फोट में दो लोग घायल गए थे।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अनुपयोगी और बिना चले बमों का कई वर्षो से जमाव ओएफके के उसी परिसर में हैं जहां बीते कई वर्षो में विस्फोट हो चुके हैं। ओएफ के जिस क्षेत्र में स्थित है, वह आबादी वाला इलाका है।