नई दिल्ली, 24 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की सफलता के लिए सभी बैंककर्मियों को एक ई-मेल के माध्यम से बधाई दी है और भविष्य के लिए एक खाका पेश किया। एक आधिकारिक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री ने एक ई-मेल में लिखा, “पीएमजेडीवाई की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आपलोगों के असाधारण काम से मुझे बेहद प्रसन्नता हुई। सभी परिवारों का बैंक खाता खोलने के लिए 26 जनवरी, 2015 की जो समय सीमा तय की गई थी, उससे पहले ही लक्ष्य पूरा हो गया।”
उन्होंने कहा, “काफी कम समय में हमने 11.5 करोड़ नए खाते खोले। देश के 99.74 फीसदी परिवारों का बैंक खाता खुल गया। आपके असाधारण प्रयास के लिए मैं आपलोगों को बधाई देता हूं।”
मोदी ने कहा, “आपको याद होगा कि जब हमने इस मिशन की शुरुआत की थी, तब पांच महीने के सीमित समय में इस लक्ष्य को हासिल करने को लेकर हमारे मन में कई शंकाएं थीं। हालांकि आपने संशयों को गलत साबित किया और उसे हासिल किया, जो असंभव लग रहा था।”
पीएमजेडीवाई के तहत 1.8 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं। सरकार के इस वित्तीय समावेशन कार्यक्रम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस से मान्यता मिली है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “पीएमजेडीवाई के तहत मिली उपलब्धि को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने पहचान दी है और यह बताते हुए एक प्रमाण पत्र दिया है कि अधिकांश बैंक खाते वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के तहत एक सप्ताह के अंदर खोले गए, जिसकी संख्या 18,096,130 है। यह उपलब्धि भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने 23 अगस्त-29 अगस्त, 2014 के बीच दर्ज की गई।”
भविष्य के लिए एक खाका पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने ई-मेल में लिखा, “शुरुआत अच्छी हो, तो समझो आधा रास्ता तय हो गया। पीएमजेडीवाई हमारे लोगों की आर्थिक स्थिति को बदलने का एक मंच मुहैया कराता है। हमें इस सफलता को बनाए रखने और इन खातों का हमारे नागरिकों द्वारा ऋण, बीमा तथा पेंशन सेवा के लिए उपयोग में लाने करने की जरूरत है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरा मानना है कि बैंक खाता न होने की वजह से विकास की अधिकांश गतिविधियों में अड़चनें पेश आती हैं। अब इस अड़चन को हमने दूर कर दिया है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजनाओं के माध्यम से लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। यह लोगों तक लाभ की सीधी पहुंच को ही सुनिश्चित नहीं करेगा, बल्कि आप अपने खातों का कई और उपयोग भी कर पाएंगे।”