स्वार्थ भाव से जनकल्याण की भावना रखने वाले और सदैव प्रभु भक्ति में लीन रहने वाले लोग आमजन के सहायक बन जाते हैं तथा आमजन उन्हें मानव रूप में दिव्य आत्मा समझते हैं। इसी तरह के असाधारण मानव ही सच्चे संत कहलाते हैं। हरियाले प्रदेश हयिाणा की धरा आरंभ से ही ऋषि-मनीषियों और साधु-संतों की तपोस्थली रही है। पानीपत जिले के गांव अटावला में बना छोटू बाबा का डेरा भी श्रद्धालुओं की छोटू बाबा के प्रति अन्नय भक्ति-भावना के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। यही कारण है कि अटावला के ग्रामीण अपने हर शुभ कार्य की शुरूआत छोटू बाबा के नाम स्मरण और उनकी पूजा करने के बाद करते हैं।
गांव अटावला के बुजुर्गो का कहना है कि गांव में स्थित छोटू बाबा डेरा के स्थान पर दशकों पूर्व घना जंगल था। छोटू बाबा ने तपस्या करने के लिए यहां अपना धूणा लगाया जो आज भी ज्यों का त्यों है। यह ग्रामीणों की छोटू बाबा के प्रति अगाध आस्था ही है कि उन्होंने छोटू बाबा के इस नश्वर संसार से चले जाने के बाद उनकी तपोभूमि पर उनके डेरे का निर्माण करवाया। साधकों के लिए त्याग व सौहार्द के प्रेरणास्रोत तथा विश्वकल्याण की भावना रखने वाले छोटू बाबा के मन में बचपन से ही भगवत भजन से उद्धार की भावना जागृत रही। इसीलिए उनके विचारों और प्रवचनों से प्रभावित होकर उनसे असंख्य अनुयायी जुड़ गए। श्रद्धालुओं का मानना है कि छोटू बाबा के नाम स्मरण से ही उनके दुख दूर हो जाते हैं। श्रद्धालु छोटू बाबा के डेरे में स्थित बाबा की समाधि के आगे माथा टेककर अपने आराध्य की आराधना कर मन्नत मांगते हैं। इस डेरे में नानक भारती, सेवा भारती व चंदनगिरी सहित कई साधु-संतों की समाधियां भी बनी हुई हैं।
भक्तों की मान्यता है कि यहां पर बने तालाब में स्नान करने से सभी तरह के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। डेरे में दुर्गा माता का भव्य मंदिर भी बना हुआ है जिसमें हनुमान व राधा-कृष्ण सहित अनेक देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। होली और दीपावली के अवसर पर देश-प्रदेश में रहने वाले अटावला के ग्रामीण छोटू बाबा की आराधना के लिए प्रतिवर्ष अवश्य पहुंचते हैं। हरियाली से आच्छादित इस डेरे में शिवरात्रि और नवरात्रों में भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें अनेक साधकों की भीड़ जुटती है। डेरे की देखरेख संयुक्त रूप से महंत नागा बाबा राजपुरी व साध्वी गंगा तुलसा भारती कर रहे हैं।
डेरा संचालक महंत नागा बाबा राजपुरी का कहना है कि डेरे में सुबह-शाम होने वाली आरती में अनेक साधक पहुंचकर छोटू बाबा का गुणगान करते हैं तथा धूणे की भस्म ग्रहण करते ही श्रद्धालुओं को बाबा का आशीर्वाद मिल जाता है। गांव अटावला में बना छोटू बाबा का यह डेरा आसपास ही नहीं बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले अनेक श्रद्धालुओं की अगाध आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही अपनी विशिष्ट निर्माण शैली के कारण श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है। पूजा-अर्चना कर छोटू बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां पर अनेक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।