नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। पिछले कई दशकों से देश से फरार अंडरवल्र्ड डॉन राजेंद्र निखलजे उर्फ छोटा राजन ने थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कुछ दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों में रहने के लिए तीन नकली पासपोर्ट इस्तेमाल किए थे।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। पिछले कई दशकों से देश से फरार अंडरवल्र्ड डॉन राजेंद्र निखलजे उर्फ छोटा राजन ने थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कुछ दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों में रहने के लिए तीन नकली पासपोर्ट इस्तेमाल किए थे।
राजन 1996 में विजय कदम के नाम से अपना पहला पासपोर्ट बनवाकर थाईलैंड के बैंकॉक चला गया था और वहीं रहने लगा था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजन बैंकॉक में वर्ष 2000 तक उसी पासपोर्ट पर रहा। उसी वर्ष अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथियों ने एक होटल में उस पर हमला किया, जिससे बचने में वह कामयाब रहा।
आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इंटरपोल से इस जानकारी के साथ ही राजन द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे नकली पासपोर्ट की भी जानकारी मिली। सीबीआई ने 2002 में इसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सूत्रों के मुताबिक, “इसी पासपोर्ट पर राजन ने दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा की, जहां उसके मजबूत संपर्क थे।”
सूत्रों के मुताबिक, हमले के बाद राजन को पकड़े जाने का डर था। इसलिए उसने कर्नाटक के मंडया में आजाद नगर के ओल्ड एमसी रोड के 127/बी के निवासी मोहन कुमार के नकली नाम से भारतीय पासपोर्ट (नम्बर जी 9273860) बनवाया।
सूत्रों के मुताबिक, राजन ने जिम्बाबवे में हरारे से पासपोर्ट बनवाया।
इसी पासपोर्ट से राजन 22 सितम्बर, 2003 को ऑस्ट्रेलिया पहुंचा, जो कि सात जुलाई, 2018 तक मान्य था।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “राजन उसी पासपोर्ट पर 2003 से 25 अक्टूबर, 2015 तक ऑस्ट्रेलिया में रहा और वहां रहने के लिए उसने धोखे से कई अलग-अलग वीजा प्राप्त किए। बाद में उसने ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए रेजीडेंसी परमिट प्राप्त कर ली।”
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को मई 2015 में इंटरपोल से राजन के ऑस्ट्रेलिया में निवास की सूचना मिली।
इसी बीच सीबीआई को खबर मिली कि राजन के रेजीडेंसी परमिट की अवधि 31 अक्टूबर, 2015 को समाप्त हो रही है, जिसे वह बढ़वाने की कोशिश कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, “सीबीआई द्वारा राजन के फिंगरप्रिंट की जांच में उसकी पहचान साबित होते ही इंटरपोल रेजीडेंसी परमिट की अवधि बढ़ाने से रोकने में कामयाब रहा।”
राजन ने सीबीआई को बताया कि ऑस्ट्रेलिया में रेजीडेंसी परमिट की अवधि न बढ़ने पर उसने किसी अन्य देश में जाने का फैसला किया था।
सूत्रों के मुताबिक, “राजन को 25 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलियाई विमान से उतरते ही बाली में गिरफ्तार कर लिया गया। उसने बाली सहित चार ठिकाने चुने थे।”
सूत्रों के मुताबिक, राजन के पास से एक तीसरा पासपोर्ट भी मिला है, जिसमें उसके पिता का उपनाम ‘राजन’ लिखा है।
अधिकारियों ने जांच का हवाला देते हुए राजन के तीसरे पासपोर्ट के बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया।