नई दिल्ली/मुंबई, 6 नवंबर (आईएएनएस)। पिछले कई दशकों से देश से फरार अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र निखलजे उर्फ छोटा राजन को कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह इंडोनेशिया से राष्ट्रीय राजधानी लाया गया, जिसके खिलाफ सभी मामलों को महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया। सरकार के इस फैसले की राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है।
अधिकारियों ने बताया कि छोटा राजन (55) को विशेष विमान से इंडोनेशिया से भारत लाया गया। वह सुबह लगभग 5.30 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा, जहां से विशेष कमांडो और स्वात दस्ते की निगरानी में उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुख्यालय ले जाया गया। इंडोनेशियाई पुलिस ने 25 अक्टूबर को छोटा राजन को गिरफ्तार किया था।
राजन शुक्रवार सुबह लगभग छह बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंच गया। सीबीआई मुख्यालय जाने वाले सभी रास्तों को दिल्ली पुलिस ने सील कर दिया था।
छोटा राजन के खिलाफ मामलों को सीबीआई को सौंपने के फैसले की दो प्रमुख विपक्षी पार्टियों कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आलोचना की। दोनों विपक्षी पार्टियों ने कहा कि इससे मुंबई पुलिस का मनोबल टूटेगा।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा राजन के खिलाफ सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने की घोषणा के बाद दिल्ली पुलिस ने भी राजन के खिलाफ अपने मामलों को सीबीआई को सौंपने की घोषणा कर दी।
राजन हत्या, जबरन उगाही, तस्करी व मादक पदार्थो की तस्करी के 85 मामलों में वांछित है।
मुंबई पुलिस ने राजन ने खिलाफ लगभग 70-75 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें हत्या के 20, आतंकवादी व विघटनकारी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत चार, आतंकवाद निरोधक अधिनियम के तहत एक तथा महाराष्ट्र की संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत 20 से अधिक मामले हैं।
राजन पिछले लगभग दो दशकों से भारत से फरार था। आस्ट्रेलिया की संघीय पुलिस की खुफिया जानकारी के आधार पर इंडोनेशिया की पुलिस ने सीबीआई के अनुरोध पर राजन को बाली से गिरफ्तार किया।
सूत्रों का कहना है कि छोटा राजन को विशेष सीबीआई मजिस्ट्रेट के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया जाएगा, जहां से उसे आधिकारिक तौर पर जांच एजेंसी को सौंपने का आदेश दिया जाएगा।
सीबीआई ने एक बयान में कहा, “छोटा राजन को शुक्रवार सुबह सफलतापूर्वक इंडोनेशिया से भारत लाया गया। वह सीबीआई-इंटरपोल की हिरासत में है। कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।”
मुंबई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष संजय निरूपम ने कहा कि पहले शीना बोरा हत्याकांड की जांच और अब छोटा राजन से संबंधित मामलों को महाराष्ट्र ने सीबीआई को सौंप दिया।
निरूपम ने आश्चर्य जताते हुए कहा, “यदि इन सारे मामलों से सीबीआई निपटेगी, फिर मुंबई पुलिस क्या करेगी।” उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इस फैसले पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया।
वहीं राकांपा के प्रदेश प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि केवल तीन दिन पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ-साथ मुंबई पुलिस आयुक्त अहमद जावेद ने आश्वस्त किया था कि छोटा राजन को मुंबई लाया जाएगा।
मलिक ने कहा, “फिर उसे अब दिल्ली क्यों ले जाया गया? इसके पीछे की रणनीति क्या है? पत्रकार ज्योतिरादित्य डे हत्याकांड व पाकमोदिया स्ट्रीट गोलीबारी सहित सभी महत्वपूर्ण मामलों की जांच क्या सीबीआई करेगी। क्या उन्हें हमारी पुलिस की क्षमता पर संदेह है? यह मुंबई पुलिस के मनोबल को गिराता है।”
महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी.शिवनंदन ने भी छोटा राजन के मामलों को सीबीआई को सौंपने के फैसले की निंदा की और इस बात को दोहराया कि मुंबई पुलिस किसी भी मामले की जांच करने में दुनिया में सक्षम पुलिस में से एक है।
उन्होंने छोटा राजन के देशभक्ति के दावे और भारतीय अधिकारियों की मदद को केवल एक बहाना करार दिया और कहा, “उसके साथ केवल एक साधारण अपराधी की तरह सलूक किया जाना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को छोटा राजन के भारत लाए जाने से पहले महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव के.पी.बख्शी ने गुरुवार शाम राजन के खिलाफ सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने की घोषणा की।
कभी भगोड़े दाऊद का नजदीकी सहयोगी रहे राजन ने साल 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोट के बाद उससे अपना रास्ता अलग कर लिया था।