आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सदस्यों व सहयोगियों में से 11 सदस्य स्थयी वारंटी हैं। एक महिला नक्सली पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। सभी नक्सलियों पर तोड़फोड़, विस्फोट, आगजनी, लूट, डकैती और हत्या के प्रयास जैसे अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देने का आरोप था।
पुलिस के अनुसार, बस्तर रेंज महानिरीक्षक एस.आर.पी. कल्लूरी और नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के निर्देशन में जिला बल, एसटीएफ, डीआरजी एवं आईटीबीपी द्वारा नक्सल उन्मूलन अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इसकी परिणाम रविवार को सामने आया।
एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि किसकोड़ो व धौड़ाई क्षेत्र के 31 पुरुष व 7 महिला नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इस मौके पर आईटीबीपी कमांडेंट 45वीं वाहिनी डी. जस्टिन रॉबर्ट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, आईटीबीपी 46वीं वाहिनी के कमान अधिकारी के.एन. पंत, सहायक सेनानी के.आर. मीणा, अनुविभागीय अधिकारी बेनूर गौरव मंडल एवं उपनिरीक्षक कृष्णा प्रसाद जांगड़े भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली सदस्यों में से 11 सदस्य स्थायी वारंटी हैं। एक महिला नक्सली सदस्य (डीएकेएमएस अध्यक्ष) पर शासन द्वारा एक लाख रुपये का इनाम घोषित है। एक नक्सली सदस्य किसकोड़ो मिलिशिया डिप्टी कमांडर का और अन्य जनताना सरकार सदस्य व मिलिशिया सदस्य थे।
इन नक्सलियों पर वर्ष 2006 में ग्राम एड़का के आश्रम शाला की तोडफोड़ एवं बम विस्फोट कर ग्रामीण की हत्या करने, वर्ष 2008 में नारायणपुर-अंतागढ़ मार्ग में बीएसएनएल विभाग के वाहन को जलाकर क्षतिग्रस्त करने एवं सामान को लूटने, कांकेरबेड़ा नदी के किनारे ट्रैक्टर को जलाकर क्षतिग्रस्त करने के आरोप हैं।
ये नक्सली नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, मार्ग अवरुद्ध, आगजनी जैसे गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं। इन्होंने वर्ष 2008 में कांकेरबेड़ा नदी के किनारे ट्रेक्टर को जलाकर क्षतिग्रस्त कर दिया था।
मीणा ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कमांडर फूल सिंह, सुभाष व राजू कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इन्हें अब शासन की पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा।