रायपुर, 13 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में 37वें राष्ट्रीय खेल (नेशनल गेम्स) की मेजबानी को लेकर चला आ रहा संशय खत्म हो गया है। सूबे के बजट में 40 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ ही सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह इस आयोजन से पीछे नहीं हटेगी। इस बजट घोषणा के साथ अब इस आयोजन की तैयारी जोर पकड़ेगी। अभी तक चर्चा यह थी कि आर्थिक कारणों से राज्य इस आयोजन से पीछे हटने की तैयारी में है।
नेशनल गेम्स कमेटी के मेम्बर विष्णु श्रीवास्तव का कहना है कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि नेशनल गेम्स के लिए कितना बजट दिया गया है। इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को हरी झंडी दे दी है। इससे राज्य खेल जगत में हर्ष है। बजट में की गई इस घोषणा से राज्य में नेशनल गेम्स के लिए दरवाजा खुल गया है, अब आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।
छत्तीसगढ़ में 37वें नेशनल गेम्स का आयोजन 2017-18 में होना है। 10 दिनों तक चलने वाले इस खेल कुंभ में 28 खेल शामिल हैं। इनमें 11 आउटडोर, 15 इनडोर और 2 वॉटर स्पोर्ट्स हैं। राज्य में इस आयोजन की घोषणा करीब पांच साल पहले की गई थी, लेकिन अब तक कोई विशेष तैयारी नहीं हो पाई है।
खेल विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस आयोजन के लिए राज्य में बड़े पैमाने पर खेल अधोसंरचना के विकास की जरूरत है, इस पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे। इसी वजह से चर्चा चल रही थी कि अब राज्य में यह आयोजन नहीं होगा।
जानकारों के अनुसार, शुक्रवार को बजट में इस आयोजन के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान कर मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि इसका आयोजन राज्य में ही होगा। खेल संघों के पदाधिकारियों के अनुसार इतने बड़े आयोजन के लिए 40 करोड़ रुपये नाकाफी है, लेकिन यह शुरुआत है। इसके बाद कमेटियां बनेंगी और काम तेजी से होगा। इससे पहले 2011 के बजट में भी नेशनल गेम्स की प्रारंभिक तैयारी के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
नेशनल गेम्स में अब तक :
18 मार्च 2010 को छत्तीसगढ़ कैबिनेट की बैठक में होस्ट सिटी का अनुमोदन किया गया। 30 मार्च 2010 को नई दिल्ली में होस्ट सिटी पर हस्ताक्षर हुए और भारतीय ओलिंपिक संघ को विधिवत दो करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई। इसके बाद अप्रैल 2010 को असम के पूर्व खेल आयुक्त ने राज्य में प्रस्तावित 37वें नेशनल गेम्स के संबंध में राज्य का भ्रमण भी किया।