रायपुर, 11 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को शून्यकाल में नान घोटाले पर चर्चा कराने को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। सदन के भीतर विपक्षी सदस्यों ने सिर पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रकट किया और एक प्रतीकात्मक घोटाला डायरी भी सदन में लहराई।
नारेबाजी और हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर आसंदी ने कहा कि यदि नान के विषय में सूचना प्राप्त होगी तो नियम अनुसार क्या किया जा सकता है, यह देखा जाएगा।
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने नान में घोटाले का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चल रहे इस घोटाले में 12 जिलों के 28 ठिकानों पर एसीबी ने छापा मारकर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ नए तथ्य आए हैं इसलिए इस पर चर्चा होना जरूरी है।
मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने पाइंट ऑफ आर्डर के तहत कहा कि विधानसभा में किन्ही वस्तुओं, पत्रों, कागजों को लहराना, पट्टी बांधना सदन की गरिमा के विरूद्घ है। इस पर विपक्षी सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी खड़े होकर विरोध करना शुरू किया।
सदन में ‘नान घोटाले के दोषियों पर कार्रवाई करना होगा’ ऐसा नारा भी विपक्ष ने लगाया। बाद में आसंदी से देवजी भाई पटेल ने कहा कि बिना अनुमति काल्पनिक डायरी, बिना सूचना के लाना संसदीय परंपरा में उचित नहीं। इस तरह की सामग्री का प्रदर्शन सर्वथा अनुचित है।
इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में कार्यवाही शुरू होने पर सत्यनारायण शर्मा और टीएस सिंह देव ने कालिंग अटेंशन का हवाला देकर चर्चा कराने की मांग की। आसंदी ने व्यवस्था दी कि सूचना प्राप्त होने पर नियम अनुसार क्या होगा इस पर देखा जाएगा।