वैज्ञानिकों की मानें तो अब तक के अनुसंधान से चावल में जिंक की मात्रा बढ़ाने में सफलता मिली है। विशेष किस्म के चावल में जिंक मात्रा 14 से बढ़ाकर 24 पीपीएम हो गई है। इसे ‘इंदिरा जिंक राइस टू’ नाम दिया गया है। अनुसंधान में आगे चावल में प्रोटीन व आयरन की मात्रा बढ़ाने में वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।
ज्ञात रहे कि गेट्स फाउंडेशन समूचे दक्षिण एशिया में चावल अनुसंधान को लेकर मदद कर रहा है। जब छत्तीसगढ़ में चावल धान की 23 हजार प्रजातियों को सहेजने की ओर फाउंडेशन का ध्यान आकर्षित किया गया, तब फिलीपिंस के इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (ईरी) के जरिए सहायता राशि मिलनी शुरू हुई।
इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के प्लांट मोलिक्यूलर बायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. एस.बी. वेरूलकर ने बताया कि गेट्स फाउंडेशन की ओर से इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट के जरिए चावल पर अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। तीसरे चरण के लिए राशि मिल चुकी है।