गिरफ्तार किए गए अफसरों में नॉन के मैनेजर शिवशंकर भट्ट सहित टीकमदास हिरवानी, क्षीरसागर पटेल, कौशल कुमार, संदीप अग्रवाल, दिलीप कुमार शर्मा, देवेंद्र कुशवाहा, आलोक सोनी, राजेंद्र सोनी, सुधीर सोनी, रविंद्र नाथ सिंह सहित एक अन्य अफसर भी शामिल हैं।
वहीं नॉन के एमडी के निज सचिव गिरीश शर्मा को गिरफ्तार नहीं किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। छापेमारी के दौरान उनके पास से लगभग 20 लाख रुपये बरामद हुए थे। किसी मामले को एक साथ इतने सारे अफसरों की गिरफ्तारी का भी संभवत: छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला मामला है।
ज्ञात हो कि विधानभा में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार छापे में बंटवारे में पकड़ी गई डायरी को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है। रोजाना स्थगन की मांग को लेकर सदन में हंगामा कर रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि एसीबी की गिरफ्तारी इतनी जल्दी होने के पीछे विपक्ष का दबाव है।
गौरतलब है कि एंटी करप्शन ब्यूरो और राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 12-13 फरवरी को 25 स्थानों पर छापा मारा था, जिसमें नॉन अधिकारियों के पास से कुल 36463320 रुपये बरामद हुए। इसमें शिवशंकर भट्ट से 1706150 रुपये, जीतराम यादव 3606000 रुपये, त्रिनाथ रेड्डी 42000, कीर्तिकांत 31800, जीके देवांगन 5 लाख, गिरीश शर्मा (पीए एमडी) 20 लाख, सतीश कैव˜य केशलूर एक लाख 50 हजार, छीरसागर रायगढ़ 2 लाख 47 हजार 800, आलोक चंद्रवंशी राजनांदगांव 188805 रुपये बरामद हुए।
इसी तरह सुशील कुमार बघेल 725000, केके यदु बिलासपुर 2498500, टीडी हरचंदानी धमतरी 390000 आरएन सिंह सूरजपुर, 716080,डीके शर्मा बालोद 23766870, संदीप अग्रवाल रायपुर 3519500, डीएस कुशवाहा रायपुर 682715 तथा आरसी पाठक रायपुर के पास से 1187000 कुल 3 करोड़ 564 लाख 63 हजार 320 रुपये नकद बरामद किए गए थे।
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष ने जमकर हंगामा भी किया था।