छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष तिलोकचंद बरड़िया व रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने संयुक्त बयान में बताया कि दुकाने बंद करने हमें मजबूर किया गया है। एक्साइज ड्यूटी एक काला कानून है जिससे सराफा का व्यापार चौपट हो जाएगा।
उन्होंने कहा, “आज बीस दिन से हम दुकानें बंद कर धरना पर बैठे हैं और सामने होली जैसा बड़ा त्योहार है, लेकिन छत्तीसगढ़ के संपूर्ण सराफा कारोबारी, स्वर्णकार व गलाई संगठन ने मिलकर तय किया है कि उनका एक लाख परिवार इस बार होली नहीं मनाएंगे।”
भूख हड़ताल भी यथावत जारी रहा। भूख हड़ताल पर नरेश कोमल, ललित गोलछा, वर्धमान सुराना, दिनेश सेठिया व खुशाल सोनी बैठे थे। सेवा वेलफेयर फाउंडेशन के जे.एम. ठाकुर व टीम ने धरना स्थल नाहटा मार्केट के समक्ष कारोबारियों के साथ जन सामान्य के लिए नि:शुल्क नेत्र व दंत जांच शिविर लगाया गया था, जिसका बड़ी संख्या में लोगों ने लाभ उठाया।
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के सचिव अशोक गोलछा ने बताया कि सोमवार शाम को कैंडल मार्च का आयोजन भी नाहटा मार्केट से जयस्तंभ चौक तक किया गया।