उल्लेखनीय है कि राजिम मेला को प्रति वर्ष होने वाले कुंभ के नाम से जाना जाता है। यहां प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है। महानदी, पैरी और सोढुर नदी के तट पर लगने वाले इस मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र संगम पर स्थित कुलेश्वर महादेव का मंदिर है। राजिम कुंभ यहां होने वाले राजिम मेला का वर्तमान स्वरूप है।
वर्ष 2001 से राजिम मेला को राजीव लोचन महोत्सव के रूप में मनाया जाता था। 2005 से इसे कुंभ के रूप में मनाया जाता है। प्रतिवर्ष यह आयोजन छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग और स्थानीय आयोजन समिति के सहयोग से होता है। कुंभ की शुरुआत कल्पवाश से होती है, पखवाड़े भर पहले से श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा प्रारंभ कर देते हैं। पंचकोशी यात्रा में श्रद्धालु पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर तथा चम्पेश्वर नाथ के पैदल भ्रमण कर दर्शन करते हैं।