राजधानी सहित स्थानीय वनविभाग का अमला हाथियों के सुरक्षित संचरण करने के लिए प्रयासरत है। विभाग ने नागरिकों को हाथियों के दल से दूर रहने की हिदायत दी है।
वन विभाग के प्रमुख सचिव आपी मंडल ने कहा, “शुक्रवार को हाथियों का दल वहां से निकलकर आरंग पहुंच गया है। कलेक्टर, आईजी, एसपी और थाना प्रभारियों को जनता को दूर रखने कहा गया है। वन विभाग की टीम साजो सामान के साथ मौके पर जुटी है। हाथियों को आरंग में ही रोका गया है।”
राजधानी रायपुर से आरंग की दूरी महज 25 किलोमीटर है।
हाथियों ने 50 से अधिक किसानों की फसल को चौपट किया है। हाथियों के इस झुंड में 13 बड़े हाथी और 4 शावक हैं। इनमें दो शावक बहुत छोटे हैं। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी इस क्षेत्र में तैनात किया गया है। विभाग की तरफ ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि, वे हाथियों के करीब न जाएं। हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने के लिए वन विभाग अमला लगातार आतिशबाजी कर रहा है, ताकि पब्लिक को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।
गुरुवार को हाथियों का झुंड कुकराडीह से घूमते हुए क्षेत्र के करीब 50 से भी अधिक किसानों के खेतों की फसलों को रौंद दिया। हाथियों ने घोड़ारी के रामसेवक अग्रवाल के 25 एकड़, खोलबाहरा-घसिया के 4-4 एकड़, बिरकोनी के जगदीश चंद्राकर के 28 एकड़, शीभू कन्नौजे के 4 एकड़, गुलाब कन्नौजे के आधा एकड़, मिठ्ठूराम साहू की 40 डिसमील, अमरू साहू के एक एकड़ आदि किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया।
ग्रामीणों की भीड़ की वजह से हाथी आसपास ही भटक रहे हैं। हाथियों के झुंड ने बुधवार को कुकराडीह, जोबा सहित तुमगांव क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में फसलों को क्षति पहुंचाई है।
हाथियों का झुंड अब तक सिरपुर क्षेत्र में फसल नुकासान करने के अलावा क्षेत्र में करीब 5 से अधिक लोगों की जान भी ले चुके हैं। कुछ लोग घायल भी हुए हैं। आसपास के इलाके में आज भी हाथियों की दहशत बनी हुई है। हाथियों को भगाने के लिए पिछले डेढ़ साल से वन विभाग की टीम प्रयास कर रही है, लेकिन विभाग को सफलता नहीं मिल पाई है।