सहकारिता के क्षेत्र में ही राज्य के दो अन्य शक्कर कारखाने बालोद जिले के ग्राम करकाभाट और जिला सूरजपुर के ग्राम केरता में संचालित हो रहे हैं। पंडरिया में बनने वाला शक्कर कारखाना डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल का तीसरा कारखाना होगा।
इस नए शक्कर कारखाने का नामकरण लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के नाम पर किया गया है। इसकी स्थापना से पंडरिया सहित निकटवर्ती मुंगेली और बेमेतरा जिले के लगभग बीस हजार किसानों को फायदा होगा और कारखाने के बायोमॉस से बनने वाली 14 मेगावाट बिजली से क्षेत्र के लगभग बीस हजार घरों को रोशनी मिलेगी।
छत्तीसगढ़ राज्य शक्कर उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा। इस नए शक्कर कारखाने की क्षमता प्रतिदिन ढाई हजार मीट्रिक टन गन्ना पेराई होगी।
मुख्यमंत्री सोमवार को दोपहर एक बजे कबीरधाम जिले के विकासखंड मुख्यालय पंडरिया आकर 163 करोड़ 12 लाख रुपये की लागत वाले इस कारखाने का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे और कारखाने के संचालन के लिए गठित सहकारी समिति के अंशधारक किसानों को प्रमाणपत्र जारी करने की भी शुरुआत करेंगे।
डॉ. सिंह नए शक्कर कारखाने को मिलाकर समारोह में पंडरिया क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 198 करोड़ रुपये के विभिन्न निर्माण कार्यों की सौगात देंगे। इनमें दो करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से पंडरिया में बनने वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) भवन का भूमिपूजन भी शामिल है।
मुख्यमंत्री इस मौके पर क्षेत्र के सूखा प्रभावित किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6.4 के तहत लगभग 18 करोड़ रुपये के मुआवजा वितरण कार्य की भी शुरुआत करेंगे। वे प्रतीक स्वरूप 11 किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करेंगे।
इसके अलावा डॉ. सिंह जिले के भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने के अंशधारक किसानों के लिए 24 करोड़ 92 लाख रुपये के बोनस वितरण कार्यक्रम का भी शुभारंभ करेंगे। वह सांकेतिक रूप से 11 किसानों को बोनस राशि प्रदान करेंगे।