रायपुर-चिकित्सकों और स्वस्थ्य कर्मियों की पहले से ही कमी से जूझ रहे राज्य की दशा कोरोना काल में और खराब हो गई है। आलम यह है कि कोरोना में सभी डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाने के बाद सामने स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई है। यह समस्या जिला अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय कार्यक्रम कोविड के वजह से लगभग बंद हो गए हैं। अस्पतालों में सर्जरी और अन्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के अनुसार वर्ष 2020 तक प्रत्येक 1000 की आबादी पर एक चिकित्सक उपलब्ध कराए जाने के लक्ष्य को केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है। इस मान से छत्तीसगढ़ राज्य की आबादी के अनुसार वर्ष 2020 तक लगभग 25 हजार चिकित्सक राज्य में होने चाहिए, जो 2021 कि स्थिति में और बढ़ने थे। लेकिन वर्तमान स्थिति में राज्य में ढाई लाख से अधिक आबादी पर 11,028 मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत डॉक्टर हैं। यानी जनसंख्या के अनुपात में आधे डाक्टर की ही सेवाएं मिल रही हैं।