चंडीगढ़, 10 अक्टूबर – दिल्ली उच्च न्यायालय का शुक्रवार को इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता ओम प्रकाश चौटाला को तिहाड़ जेल में समर्पण करने का आदेश हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी इनेलो के लिए करारा झटके की तरह है। हाल के महीने में इलाज कराने के नाम पर जेल से बाहर निकले चौटाला जमानत की शर्तो का उल्लंघन करते हुए पिछले महीने से राजनीतिक रैलियों को संबोधित करते फिर रहे थे। उच्च न्यायाल ने उन्हें शनिवार को तिहाड़ जेल में समर्पण करने को कहा है। अदालत ने उन्हें रैलियों को संबोधित करने से भी रोक दिया है।
उच्च न्यायालय का आदेश इनेलो के लिए भी झटका की तरह है। 15 अक्टूबर को होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी को उम्मीद की किरण नजर आ रही है। चौटाला ने जब से रैलियों को संबोधित करना शुरू किया है तब से इनेलो की रैलियों में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। पिछले पखवाड़े में हरियाणा भर में उन्होंने दर्जनों रैलियों को संबोधित किया।
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में दोषी करार पूर्व मुख्यमंत्री को सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी और वे तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं। उच्च न्यायालय से उन्होंने गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में इलाज कराने के लिए जमानत की गुजारिश की थी और अदालत ने उनकी जमानत मंजूर की थी।
उच्च न्यायालय का यह आदेश एक व्यक्ति की याचिका पर आया है। याची ने उल्लेख किया था कि चौटाला खुलेआम जमानत की शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अदालत से चौटाला की जमानत रद्द करने की अपील की।
हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लए 15 अक्टूबर को मतदान होंगे और 19 अक्टूबर को परिणाम सामने आएंगे।