बान की मून ने चेरनोबिल परमाणु हादसे की 30वीं बरसी के मौके पर अपने संदेश में कहा, “हादसे ने दुनियाभर में परमाणु संयंत्रों के सुरक्षा मुद्दों व उनके विनियमन में व्यापक सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है।”
उन्होंने कहा कि यह बरसी सीखे गए सबक को परखने का एक अवसर देती है। इसके साथ ही 26 अप्रैल, 1986 को हादसे के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और अपने स्वास्थ्य को आग में झोंकने व दूसरों के लिए अपनी जान दांव पर लगाने वाले उन जांबाज लोगों की वीरता को एक बार फिर सराहने का मौका देती है।
चेरनोबिल उत्तरी यूक्रेन का खौफनाक यादों वाला एक स्थान है।
चेरनोबिल परमाण हादसे के दौरान आठ टन से ज्यादा रेडियोएक्टिव लीक हुई थी, जिसने 60,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को दूषित कर दिया था और जिसके बाद करीब 32 लाख लोग विकिरण के खतरनाक स्तर के साथ रहने को विवश हो गए थे।