चेन्नई, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। चेन्नई में गुरुवार और शुक्रवार सुबह से बारिश रुकने और जलस्तर के घटने से मिली राहत कुछ ही समय की साबित हुई। शाम को शहर एक बार फिर जोरदार बारिश से सराबोर हो गया। चेन्नई के अलावा तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित तीन अन्य जिलों में बिजली नहीं है, खाने-पीने के समानों का अभाव बना हुआ है। यह त्रासदी अब तक 325 लोगों की जान ले चुकी है।
चेन्नई, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। चेन्नई में गुरुवार और शुक्रवार सुबह से बारिश रुकने और जलस्तर के घटने से मिली राहत कुछ ही समय की साबित हुई। शाम को शहर एक बार फिर जोरदार बारिश से सराबोर हो गया। चेन्नई के अलावा तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित तीन अन्य जिलों में बिजली नहीं है, खाने-पीने के समानों का अभाव बना हुआ है। यह त्रासदी अब तक 325 लोगों की जान ले चुकी है।
अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। पानी हटने के बाद शवों के मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता।
हजारों सैनिक, सामाजिक कार्यकर्ता पानी के बीच फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और इनके बीच खाने-पीने का समान और कंबल बांटने में लगे हुए हैं।
मुख्य जलाशयों और नदियों में जलस्तर घटने से कुछ राहत हुई है। लेकिन, शहर के नागरिकों ने आईएएनएस को बताया कि बड़ी संख्या में इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।
राज्य में बारिश से चेन्नई, कुड्डालोर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि बिजली न होने की वजह से एमआईओटी अस्पताल में 14 मरीजों की मौत हो गई।
अस्पताल के प्रबंधन निदेशक पृथ्वी मोहनदास ने मीडिया को बताया कि बिजली न होने की वजह से अस्पताल में उपकरण काम नहीं कर रहे हैं। अस्पताल का बिजली का बैक-अप सिस्टम भी खराब हो गया है।
बारिश का सिलसिला गुरुवार और शुक्रवार सुबह थमा। इस वजह से मायलापुर और टेनामपेट सहित कुछ जगहों पर कुछ दुकानें खुलीं। कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई लेकिन अधिकांश हिस्सों में बिजली नहीं है। अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि पानी हटने के बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी।
जिन इलाकों में जलस्तर कम हुआ है, वहां सार्वजनिक परिवहन सेवा कुछ हद तक बहाल हुई है। ऑटोरिक्शा भी चल रहे हैं, लेकिन ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायतें आ रही हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि चेन्नई के कई क्षेत्रों में अब भी जलभराव की स्थिति है और आवश्यक खाद्य पदार्थो की आपूर्ति में मुश्किल आ रही है।
एक स्थानीय निवासी विश्वनाथ ने बताया, “जलभराव की समस्या बनी हुई है। राहत की बात सिर्फ यही है कि बारिश थम चुकी है।”
लेकिन, विश्वनाथ और अन्य लोगों की यह राहत ज्यादा देर नहीं टिकी। शुक्रवार शाम की तेज बारिश ने लोगों की चिंताएं फिर से बढ़ा दीं।
अड्यार नदी का जलस्तर कम हो गया है। चेंबारामबक्कमझील से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की वजह से नदी उफान पर थी लेकिन अब जलस्तर घटा है।
बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित कांचीपुरम में सेना, नौसेना और वायुसेना बचाव और राहत कार्य में लगी हुईं हैं।
सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने शुक्रवार को चेन्नई का दौरा किया और बचाव-राहत कार्य की समीक्षा की।
दक्षिण रेलवे ने चेन्नई बीच स्टेशन से तिरुनेलवेली, रामेश्वरम और हावड़ा के लिए विशेष रेल सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है ताकि बड़ी संख्या में फंसे मुसाफिरों को भेजा जा सके।
संचार व्यवस्था-लैंडलाइन और मोबाइल फोन की सेवाएं बाधित हैं।
मूडीचूर और तंबारम जैसे अत्यधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग बारिश थमने और राहत सामग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यहां लोग अपने घरों की छतों पर हेलीकाप्टर से गिराई जाने वाली सामग्री के लिए इंतजार करते देखे जा सकते हैं।
चेन्नई में यह एक सदी की सबसे भीषण बारिश है। स्कूल-कालेज बंद चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था और पीड़ितों के लिए तत्काल 1,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया था। हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता ने 5 हजार करोड़ की मांग की है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिह ने चेन्नई और तीन अन्य जिलों में स्थिति को चिताजनक बताया और कहा कि राज्य सरकार की पूरी मदद की जाएगी।