चेन्नई/नई दिल्ली, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। तमिलनाडु में चेन्नई और तीन जिलों में कई दिनों की भयानक बारिश और बाढ़ के बाद अब जल स्तर घटने लगा है। ऐसे में चिकित्सा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को लोगों को महामारी के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने का सुझाव दिया है।
आपदा प्रंबधन टीम में शामिल चिकित्सक लोगों को उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक और मेडिसिन विभाग के प्रमुख डी.के. शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “अब स्थिति गंभीर होगी और यहां हैजा, दस्त फैलने और संक्रमण के विभिन्न प्रकारों में वृद्धि होने की संभावना है। इस समय सुरक्षित और स्वच्छ पानी का सेवन किसी भी बीमारी से बचने के लिए जरूरी है।”
शर्मा ने कहा कि बाढ़ के दौरान जमे ज्यादातर पानी में बैक्टीरिया पैदा हो जाता है, जिसके कारण कई तरह के त्वचा संक्रमण जैसी बीमारी हो जाती है।
शर्मा ने पानी को उबाल कर पीने की सलाह दी है और कहा कि लोग शरीर में आवश्यक खनिज आपूर्ति के लिए नारियल पानी या पैक पानी का उपयोग कर सकते हैं।
शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “कई स्थानों पर लोग भूजल पर निर्भर होते हैं। वे जीवाणु संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए पानी में क्लोरीन मिला सकते हैं।”
इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाइयों के साथ ही चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की एक सूची भी तैयार की है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सी.के. मिश्रा ने कहा, “तमिलनाडु में एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली है। उन्हें केंद्र सरकार से ज्यादा समर्थन की जरूरत नहीं है। हालांकि हमने आपात स्थिति के लिए चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के नामों की एक सूची तैयार की है।”
आरएमएल अस्पताल के मुख्य आपात चिकित्सक सुनील सक्सेना ने आईएएनएस से कहा, “डायरिया, हैजा और संक्रमण के अलावा, बहुत से लोग प्रकृति का कहर देखने के बाद मनोविकार से पीड़ित हैं।”