कोलंबो, 18 अगस्त (आईएएनएस)। श्रीलंका में विदेशी पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में संसदीय चुनावों के लिए सोमवार को हुए मतदान के एक दिन बाद मंगलवार को एक दैनिक समाचार पत्र ने कहा कि आम चुनाव में विदेशी पर्यवेक्षकों की मौजूदगी पिछले कुछ दशकों में देश की सरकार में शामिल रहे लोगों के लिए कलंक है।
समाचार पत्र ‘द आइलैंड’ ने ‘चुनाव के बाद’ शीर्षक के साथ प्रकाशित अपने संपादकीय में लिखा कि आम चुनाव शांतिपूर्ण रहे, लेकिन विदेशी पर्यवेक्षकों की मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है।
समाचार पत्र ने लिखा, “एक राष्ट्र होने के नाते हमें शर्म आनी चाहिए कि हम आजादी के सात दशक बाद भी विदेशी पर्यवेक्षकों के बगैर अपने बलबूते शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव नहीं करा सकते। उन विदेशी महिला एवं पुरुष अधिकारियों का हमें शुक्रगुजार होना चाहिए, जिन्होंने चुनाव की निगरानी के लिए यहां आने का जोखिम लिया और यहां चुनाव को लेकर रपटें दीं, जो इसके आकलन के लिए बेहद उपयोगी है कि लोकतंत्र के रूप में हमारा प्रदर्शन कैसा है?”
समाचार पत्र ने लिखा, “लेकिन उनकी (विदेशी पर्यवेक्षकों) मौजूदगी उन शासकों के पर कलंक है, जो पिछले कुछ दशकों में देश की सरकार में रहे।”
समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा कि नई सरकार की शीर्ष प्राथमिकता संवैधानिक परिषद का गठन और यह सुनिश्चित करना हो कि यह स्वतंत्रतापूर्वक काम कर सके।