Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 चुनावी बॉन्ड: टीएमसी को सबसे अधिक चंदा फ्यूचर गेमिंग और संजीव गोयनका की कंपनियों ने दिया | dharmpath.com

Sunday , 2 February 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » ख़बरें अख़बारों-वेब से » चुनावी बॉन्ड: टीएमसी को सबसे अधिक चंदा फ्यूचर गेमिंग और संजीव गोयनका की कंपनियों ने दिया

चुनावी बॉन्ड: टीएमसी को सबसे अधिक चंदा फ्यूचर गेमिंग और संजीव गोयनका की कंपनियों ने दिया

March 22, 2024 9:06 pm by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on चुनावी बॉन्ड: टीएमसी को सबसे अधिक चंदा फ्यूचर गेमिंग और संजीव गोयनका की कंपनियों ने दिया A+ / A-

नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड से लाभ पाने वाले राजनीतिक दलों की सूची में भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) है. इस पार्टी को 12 अप्रैल 2019 से संबंधित अवधि के लिए कुल 1609.53 करोड़ रुपये चंदा प्राप्त हुआ है.

टीएमसी को साल 2019 में बॉन्ड के जरिए 70.08 करोड़ रुपये चंदा मिला. 2020 का साल पार्टी के लिए थोड़ा ठंडा रहा और उसे महज़ 29.77 करोड़ रुपये ही चंदा मिल सका. हालांकि, साल 2021 पार्टी के लिए बेहतरीन साबित हुआ और इस साल कोविड के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और पार्टी ने शानदार जीत हासिल की. 2021 में पार्टी को कुल 330.94 करोड़ रुपये का चंदा मिला था.

पार्टी के तीसरी बार सरकार बनाने के बाद साल 2022 में इसे 468.8 करोड़ रुपये का चंदा मिला और 2023 में इसे 562 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले, जो किसी भी साल में पार्टी को बॉन्ड के माध्यम से मिला सबसे ज्यादा चंदा था. वर्तमान चालू वर्ष 2024 में भी पार्टी को 130.4 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.

टीएमसी को साल 2019 में बॉन्ड के जरिए 70.08 करोड़ रुपये चंदा मिला. 2020 का साल पार्टी के लिए थोड़ा ठंडा रहा और उसे महज़ 29.77 करोड़ रुपये ही चंदा मिल सका. हालांकि, साल 2021 पार्टी के लिए बेहतरीन साबित हुआ और इस साल कोविड के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और पार्टी ने शानदार जीत हासिल की. 2021 में पार्टी को कुल 330.94 करोड़ रुपये का चंदा मिला था.

पार्टी के तीसरी बार सरकार बनाने के बाद साल 2022 में इसे 468.8 करोड़ रुपये का चंदा मिला और 2023 में इसे 562 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले, जो किसी भी साल में पार्टी को बॉन्ड के माध्यम से मिला सबसे ज्यादा चंदा था. वर्तमान चालू वर्ष 2024 में भी पार्टी को 130.4 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.

टीएमसी को चंदा देने में सबसे आगे फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज कंपनी है, जिसने अपनी कुल बॉन्ड खरीद का लगभग एक तिहाई से अधिक भारी-भरकम हिस्सा टीएमसी को दिया. ध्यान रहे कि लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को बॉन्ड के माध्यम से सबसे ज्यादा चंदा दिया है. इसने करीब 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे, जिसमें से 542 करोड़ रुपये टीएमसी के खाते में गए, जो कि बॉन्ड के माध्यम से पार्टी की आय का एक-तिहाई हिस्सा है. बीते वर्ष 2023 में सबसे अधिक चंदा दिया गया, जो कि 158 करोड़ रुपये था.

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी डेटा से पता चलता है कि टीएमसी में फ्यूचर गेमिंग का 99 प्रतिशत से अधिक योगदान साल 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद सामने आया. जुलाई 2021 से जनवरी 2023 के बीच फ्यूचर गेमिंग ने टीएमसी को अपने कुल 543 करोड़ रुपये के योगदान में से 541 करोड़ रुपये दिए.

रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज से संबंधित 409.92 करोड़ रुपये की कीमत वाली सभी चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था. ये जब्ती कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर हुई थी. इस पूरे प्रकरण में जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि बिना राज्य सरकारों की मंजूरी के लॉटरी टिकटों की बिक्री से प्राप्त आय को अनधिकृत संशोधन के माध्यम से अवैध रूप से उपहार और प्रोत्साहन में लगा दिया गया.

दिलचस्प बात यह है कि लगभग इसी समय, कई टीएमसी नेताओं या उनके परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर जैकपॉट जीतने का दावा किया था.

ज्ञात हो कि साल 2021 में ही टीएमसी के मजबूत नेता अणुब्रत मंडल और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के इस कंपनी के साप्ताहिक डियर लॉटरी ड्रॉ में शीर्ष पुरस्कार जीतने की सूचना मिली थी. अगस्त 2022 में जोरासांको विधायक विवेक गुप्ता की पत्नी रुचिका गुप्ता ने 1 करोड़ रुपये का जैकपॉट पुरस्कार जीतने का दावा किया था. इसके एक महीने पहले, टीएमसी के नलहाटी विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह की भाभी नीरू सिंह ने भी 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार हासिल किया था.

संजीव गोयनका के आरपीएसजी ग्रुप ने भी दिया बड़ा चंदा

टीएमसी को चंदा देने वालों में हल्दिया एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी शीर्ष चंदादाताओं में शामिल है. यह कंपनी कोलकाता के अरबपति संजीव गोयनका के आरपीएसजी समूह का एक हिस्सा है. कंपनी ने 281 करोड़ रुपये का चंदा दिया है, जो इसके द्वारा खरीदे गए कुल 377 करोड़ रुपये के बॉन्ड का लगभग 75 फीसद है. कंपनी द्वारा चंदे में सबसे बड़ी राशि पिछले साल 2023 में दी गई, जो 95 करोड़ रुपये थी. वैसे यह कंपनी पार्टी को नियमित रूप से 2020 से चंदा दे रही है. साल 2021, 2022 और 2023 में भी कंपनी ने टीएमसी को चंदा दिया. इस साल भी, कंपनी ने 35 करोड़ रुपये का चंदा पार्टी को दिया है.

आरपीएसजी समूह की अन्य कंपनियों, धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी टीएमसी के खजाने में 90 करोड़ रुपये का योगदान दिया है. इसी समूह की एक अन्य कंपनी फिलिप्स कार्बन ने भी पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल को 53 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर दिए. क्रिसेंट पॉवर ने 33 करोड़ रुपये और आरपीएसजी वेंचर्स ने 3 करोड़ रुपये पार्टी फंड में योगदान दिया है. कुल मिलाकर देखें तो आरपीएसजी समूह ने चुनावी बॉन्ड के जरिए टीएमसी को प्राप्त कुल चंदे में 28.7 प्रतिशत का योगदान दिया है.

टीएमसी को केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड ने साल 2019 में 144.5 करोड़ रुपये दिए और इसी साल मदनलाल लिमिटेड ने भी 175.5 करोड़ रुपये का चंदा पार्टी को दिया. गौरतलब है कि यह समूह राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा राजनीतिक चंदादाता बनकर उभरा है. एमकेजे एंटरप्राइजेज ने साल 2021, 2022 और 2023 में टीएमसी को 45.9 करोड़ रुपये दिए. जैसा कि पहले रिपोर्ट में बताया गया था कि यह कंपनियां कोलकाता के उद्योगपति महेंद्र जालान से जुड़ी कंपनियां हैं, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड पर कुल 617 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जालान की कंपनियों ने टीएमसी को 365.9 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.

एवीस ट्रेडिंग एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से अब ‘असंवैधानिक’ बॉन्ड का एक अस्पष्ट पहलू सामने आया. द वायर ने पाया कि यह एक ऐसी कंपनी है जो अपने प्रदर्शन से पूरी तरह से असंबद्ध राशि दान कर रही थी, इसने टीएमसी को कुल 45.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया. लगातार घाटे के बावजूद कोलकाता की एवीस ट्रेडिंग ने 113 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. वित्त वर्ष 2020 में इसकी मूल कंपनी टेक्निकल एसोसिएट्स इंफ्रापावर लिमिटेड को 75.80 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जिसमें एवीस ट्रेडिंग का 52 करोड़ रुपये का वित्तीय घाटा भी शामिल था. इस दौरान, एवीस ट्रेडिंग ने 24 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. सभी टीएमसी को दिए गए. 2021 में इसने टीएमसी को 15 करोड़ रुपये और 2023 में 6.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया.

रामकी समूह की कंपनियों ने भी दिया चंदा

निर्माण कंपनी चेन्नई ग्रीन वुड्स प्राइवेट लिमिटेड ने भी 105 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड की खरीद में से 40 करोड़ रुपये के बॉन्ड टीएमसी को दिए. यह कंपनी हैदराबाद स्थित रामकी (Ramky) समूह के आधिकारिक पते रामकी टॉवर्स से संचालित होती है और इसने 5 जनवरी 2022 को पार्टी को एकमुश्त चंदा दिया है. इसी दिन, इसी पते से संचालित एक अन्य कंपनी, मध्य प्रदेश वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने भी टीएमसी को 6 करोड़ रुपये का चंदा दिया. रामकी टॉवर्स रामकी समूह का आधिकारिक पता है, जो लंबे समय से ईडी और आईटी की जांच के दायरे में रहा है. गौरतलब है कि चंदा देने की इस तारीख के चार दिन बाद ही चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा चुनावों की घोषणा की थी.

एक अंजान सी स्टॉक ब्रोकरिंग फर्म प्रारंभ सिक्योरिटीज ने भी जनवरी 2022 में टीएमसी को 38.75 करोड़ रुपये का चंदा दिया. मुंबई की इस कंपनी ने भाजपा को भी 33 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 5 करोड़ रुपये और शिवसेना को 2 करोड़ रुपये का चंदा दिया था

टीएमसी को चुनावी बॉन्ड से कम से कम 135 करोड़ रुपये भारत निर्मित विदेशी शराब, देशी शराब और बॉटलिंग कंपनियों से मिले हैं. आईएफबी एग्रो, जिसे टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के निर्वाचन क्षेत्र स्थित अपने बॉटलिंग प्लांट में बाधा का सामना करना पड़ा था, ने 42 करोड़ रुपये का चंदा पार्टी को दिया, जबकि इसकी सहयोगी कंपनी बंगाल विपणन ने 2 करोड़ रुपये का चंदा दिया.

चुनावी बॉन्ड: टीएमसी को सबसे अधिक चंदा फ्यूचर गेमिंग और संजीव गोयनका की कंपनियों ने दिया Reviewed by on . नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड से लाभ पाने वाले राजनीतिक दलों की सूची में भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) है. इस पार्टी को 12 अप्रैल नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड से लाभ पाने वाले राजनीतिक दलों की सूची में भारतीय जनता पार्टी के बाद दूसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) है. इस पार्टी को 12 अप्रैल Rating: 0
scroll to top