गुवाहाटी, 26 मई (आईएएनएस)। असम के नौगांव संसदीय क्षेत्र के नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने भाजपा पर पूरे देश में धार्मिक ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि वह भाजपा की ‘विभाजनकारी’ राजनीति के खिलाफ संघर्ष का प्रण लेते हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता बोरदोलोई 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के हाथों हार गए थे।
नौगांव लोकसभा सीट से बोरदोलोई की जीत मायने रखती है क्योंकि यह सीट बीते दो दशकों से भाजपा के पास थी।
बोरदोलोई ने कहा, “साफ है कि हमारी पार्टी में कुछ कमजोरियां हैं जिनकी वजह से हम असम और देश में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। मुझे विश्वास है कि मेरी पार्टी आत्मावलोकन करेगी और कदम उठाएगी। लेकिन, धनबल और धार्मिक ध्रुवीकरण वह दो मुख्य कारक हैं जिनकी वजह से भाजपा को सफलता मिली है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा ने धार्मिक ध्रुवीकरण से समाज को बांटा है जो असम और पूर्वोत्तर जैसे धर्मनिरपेक्ष इलाकों के लिए खतरनाक संकेत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) युग बदलने वाली योजना थी लेकिन पार्टी इसे देर से सामने लेकर आई और हम इसका फायदा नहीं उठा सके।
बोरदोलोई ने कहा, “भाजपा कह रही थी कि मैं नौगांव से नहीं जीत सकता क्योंकि यहां धार्मिक अल्पसंख्यक मतदाता 34 फीसदी ही हैं। लेकिन, मुझे 51 फीसदी मत मिले। इसका मतलब यह है कि मुझे गैर अल्पसंख्यकों का भी मत मिला।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नौगांव, कालियाबार और बारपेटा सीट जीती हैं। नौगांव और कालियाबार की जीत बहुत खास है क्योंकि यह दोनों सेंट्रल असम की सीट हैं और यहां से भाजपा की धार्मिक राजनीति के लिए कड़ा संदेश गया है।