इस प्रस्ताव से चीन और ईरान के बीच साझेदारी का एक नया अध्याय खुला है।
इस ट्रेन को सिल्क रोड ट्रेन भी कहा जा रहा है, जो कजाकस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए 10,399 किलोमीटर का रास्ता तय करके ईरान पहुंचेगी।
इस ट्रेन को 28 जनवरी को चीन के झेंजियांग प्रांत के यिवु शहर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
तेहरान रेलवे स्टेशन पर सोमवार को ट्रेन के आगमन के बाद ईरान के सड़क एवं शहरीकरण मंत्री मोहसेन पोर-अकाई ने एक भाषण दिया। उनके अनुसार, इस ट्रेन में दर्जनों मालवाहक कंटेनर हैं।
प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्ग ने पूर्व-पश्चिम व्यापार में एक सेतु का काम किया था और चीनी तथा फारसी सभ्यताओं को करीब लाया।
21वीं सदी के समुद्री रेशम मार्ग के साथ सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट को बेल्ट एंड रोड परियोजना के नाम से जाना जाता है। इसे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2013 में प्रस्तावित किया था।
इस परियोजना से थल और समुद्री मार्गो के जरिये एशिया, यूरोप और यहां तक कि अफ्रीका को भी साथ लाने में मदद मिलेगी। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचागत निर्माण, वित्तीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।