बीजिंग- चीन में गत सदी के 70 के दशक के अंत से आज तक, पिछले 40 से अधिक सालों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में चीनी जनता गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। इस दौरान 70 करोड़ गरीब जनसंख्या गरीबी से मुक्त हो गई। चीन के गांवों में गरीबी दर 1978 में 97.5 प्रतिशत से 2019 में 0.6 प्रतिशत तक पहुंच गई। पहली जुलाई 2020 को, विश्व में सबसे बड़ी सत्तारूढ़ पार्टी यानी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की स्थापना की 99वीं वर्षगांठ है। शुरू में केवल 50 से अधिक सदस्य थे, 99 सालों के विकास और सत्ता में 71 सालों के बाद अब यह पार्टी 9 करोड़ सदस्यों वाली सबसे बड़ी सत्तारूढ़ पार्टी बन चुकी है। वह चीनी जनता का नेतृत्व करते हुए लगातार कई वर्षों में वैश्विक आर्थिक वृद्धि के लिए 30 प्रतिशत का योगदान देती है। अब चीन विश्व आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने वाला महत्वपूर्ण इंजन बन चुका है।
नवम्बर 1978 में मध्य चीन के आनह्वेइ प्रांत की फंगयांग काउंटी में श्याओकांग गांव में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने सुधार और खुलापन शुरू किया। 40 से अधिक सालों के विकास से वह एक अत्यंत गरीब स्थल से एक समृद्ध गांव में परिवर्तित हो गया। आज, इस गांव में सभी खेतों में यंत्रीकृत खेती साकार हुई, गांववासी पारिवारिक हॉटल स्थापित कर देश-विदेश से आए पर्यटकों का सत्कार करते हैं।
इसके साथ ही श्याओकांग गांव में कृषि उत्पादों का प्रोसेसिंग कारखाना स्थापित हुआ, प्रति गांववासियों की सालाना औसतन आय 25 हजार युआन से अधिक है, वे सुन्दर रिहायशी मकानों में रहते हैं और उनके पास गाड़ी भी है।
40 साल पहले इस गांव के स्कूल में विद्यार्थियों के पास मेज भी नहीं होती थी, छात्रों को घर से छोटी बेंच लाना पड़ती थी। लेकिन आज, गरीबी समाप्त कर श्याओकांग गांव के स्कूल में इक बड़ी इमारत बनी है, विद्यार्थी मैदान में खेल की कक्षा लेते हैं।