पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जनरल स्टाफ हेडक्वार्टर्स के संचालन विभाग के उप प्रमुख क्यू रूई ने कहा, “रूस तथा कजाकिस्तान सहित कम से कम 10 देशों ने परेड के लिए सैन्य टुकड़ियों व प्रतिनिधियों को भेजने का फैसला किया।”
उन्होंने कहा कि विदेशी सेना परेड प्रशिक्षण अड्डे पर पहले ही पहुंच चुकी है और अपने चीनी समकक्षों के साथ प्रशिक्षण ले रही है।
क्यू ने परेड में हिस्सा लेने वाले अन्य देशों की जानकारी न देते हुए कहा कि इसमें एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ओसियानिया तथा अमेरिका की सेना हिस्सा लेगी।
उन्होंने कहा, “परेड में उनकी भागीदारी फासीवाद के खिलाफ विश्व युद्ध को संयुक्त रूप से मनाने की उनकी इच्छा का सूचक है।”
परेड में द्वितीय विश्व युद्ध में पूर्व सोवियत रूस के युद्धवीरों सहित विदेशी युद्धवीर शामिल होंगे।
नेशनल डिफेंस युनिवर्सिटी पीएलए चाइना के प्रोफेसर क्विओ लियांग ने कहा कि परेड में विदेशी सेना की भागीदारी लोगों को इस बात का स्मरण कराएगा कि द्वितीय विश्व युद्ध में विजय कई देशों के प्रयासों व बलिदानों से मिली थी।
उन्होंने कहा, “सात दशक पहले शांतिप्रेमी देशों ने एक साथ मिलकर फासीवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की। आज शांति की रक्षा के लिए हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।”