सीपीईसी की लंबाई 3,000 किलोमीटर है। यह सड़क, रेलमार्ग एवं पाइपलाइन का एक नेटवर्क है, जो पश्चिमोत्तर चीन के शिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र के कश्गर एवं दक्षिणपश्चिम पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है। यह चीन द्वारा प्रस्तावित ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल के अंदर भी एक महत्वपूर्ण परियोजना है।
शी की यात्रा के दौरान चीन एवं पाकिस्तान ने ‘वन प्लस फोर’ सहयोग संरचना के तहत सीपीईसी को केंद्र में रखते हुए ग्वादर बंदरगाह, परिवहन आधारभूत संरचना, ऊर्जा एवं औद्योगिक सहयोग जैसे चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साझा विकास का लक्ष्य हासिल करने की योजना पर सहमति जताई थी।
शी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के द्वारा 20 अप्रैल को एक वीडियो लिंक के माध्यम से संयुक्त रूप से पांच ऊर्जा संयंत्रों का शिलान्यास किया गया था। इनमें से 900 मेगावाट की क्षमता वाले जोनर्जी सौर बिजली संयंत्र को सबसे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ा जा सकता है। 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना होगी। पूर्वी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में तीन चरणों में 2016 के अंत तक इसके पूरे होने की संभावना है।
पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ के मुताबिक, सीपीईसी परियोजना देश में बिजली आपूर्ति के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने महीन की शुरुआत में एक चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में कहा था कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी मित्रों के सहयोग से बिजली संकट से उबरने में सफल होगा।